एक हजार रुपए तक…
जिला चिकित्सालय में समय पर सोनोग्राफी नहीं होने पर मरीज बाहर से निजी सेंटरों से सोनोग्राफी करवाते हैं। यहां सेंटर वाले मनमर्जी से उनसे रुपए ले रहे हैं।
अगर मरीज को तत्काल जांच करवानी है, तो सात से आठ सौ रुपए और एक दिन छोड़कर जांच करवानी है तो चार सौ रुपए लेते हैं। इन सेंटरों के बाहर अक्सर मरीजों की भीड़ नजर आती है।
अभी चले जाओ एक माह बाद आना
नवलश्याम निवासी अरविंद मनात ने कहा कि उसके पेट में दस दिन से दर्द हो रहा था। रात को अचानक दर्द बढ़ गया और वह दूसरे दिन सुबह जिला चिकित्सालय आया। यहां पर चिकित्सक परामर्श लेने के बाद चिकित्सक ने उसको सोनाग्राफी करने की रिपोर्ट करवाने को कहा। मरीज सोनोग्राफी सेंटर पर आया तो काउंटर पर बैठी दो महिलाओं ने एक रजिस्टर में नाम नोट किया और पर्ची पर पांच अप्रेल 2024 अंकित कर दी और उसको इस दिन सुबह आठ बजे आने को कहा। इसके बाद अरविंद ने बाहर जाकर आठ सौ रुपए देकर सोनोग्राफी करवाई और वह रिपोर्ट चिकित्सक को दिखाई।
गंधवा निवासी कालू पुत्र हाजा रोत के पेट में दर्द कर रहा था। वह अगले दिन अपने पिता के साथ जिला चिकित्सालय आया। यहां पर चिकित्सक ने जांच करने के बाद मरीज कालू से सोनोग्राफी करवाने को कहा और जांच करवाने की पर्ची बना दी। इसके बाद कालू अपने पिता के साथ सोनाग्राफी काउंटर पर गया। वहां पर उसकी भी पर्जी पर एक माह की तारिख अंकित कर दी। इस दौरान मरीज के पिता ने विरोध भी किया। इसके बाद भी जांच नहीं हुई।
शिवराजपुरा सागवाड़ा निवासी मगन रोत ने कहा कि उनके भी पेट में दर्द हो रहा था। इस पर वह सागवाड़ा से बस में सवार होकर डूंगरपुर आए और जिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां पर आने के बाद चिकित्सक को दिखाया। उन्होंने कई जांचे लिखी। इसमें से एक जांच सोनोग्राफी की भी लिखी है। लेकिन, यहां पर आने के बाद जांच हुई ही नहीं। इस पर बाहर से जांच करवानी पड़ रही है।
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अधिकारी ने कहा…
चिकित्सालय में दिन की 60 से 70 सोनोग्राफी होती है और सेंटर पर लगभग सौ से अधिक मरीज आते हैं। इसलिए सभी की सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। उनको कुछ दिनों बाद का समय दिया जाता है।
– महेंद्र डामोर, चिकित्सालय अधीक्षक डूंगरपुर