राजकुमार रोत बोले- ’10 माह हो गए…CM व मंत्रियों को पता ही नहीं करना क्या है’, उपचुनाव को लेकर किया ये खुलासा
Rajasthan By-election: सांसद राजकुमार रोत ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि भाजपा सरकार के दस माह हो गए, लेकिन सीएम व मंत्रियों को ये ही नहीं पता की आखिर करना क्या हैं।
Rajasthan Politics: डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा। साथ ही टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी एवं उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत पर बार-बार आदिवासियों के हक-अधिकारों पर कटाक्ष करने का आरोप लगाया। सांसद रोत ने कहा कि भाजपा सरकार के दस माह हो गए, लेकिन सीएम व मंत्रियों को ये ही नहीं पता की आखिर करना क्या हैं।
इस दौरान सांसद ने कहा कि आदिवासियों के प्राचीन इतिहास को झूठलाने के लिए अनर्गल बयानबाजी की जा रही हैं। आजादी की लड़ाई में राष्ट्र भावना सभी समाजों में थी। मानगढ़ धाम पर भीलराज को लेकर आंदोलन हुआ था और यह पूरा देश जानता है। लेकिन उदयपुर सांसद बार-बार इसे झूठलाने का प्रयास कर रहे हैं।
राजकुमार रोत ने कहा कि हाल ही में उन्होंने राणा पूंजा को सोलंकी राजपूत बताया। जबकि, मेवाड़ के राजचिन्ह में एक तरफ क्षत्रिय एवं एक तरफ भीलों को दर्शाया है। राणा पूंजा की पीढ़ी भी मौजूद है। संगठन विशेष से पोषित होकर वह आए दिन बयान देते हैं। पत्रकार वार्ता में बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत ने स्पष्ट कहा कि बीएपी उपचुनाव स्वतंत्र लड़ेगी।
उपचुनाव में स्वतंत्र लड़ने की किया दावा
पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजकुमार रोत ने कहा कि आगामी दिनों में विधानसभा उपचुनाव है, ऐसे में डूंगरपुर की चौरासी विधानसभा और सलूंबर विधानसभा उपचुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दोनो सीटों पर भारतीय आदिवासी पार्टी की जीत का दावा किया है।
सांसद रोत ने कहा कि टीएडी मंत्री खराड़ी ने विधानसभा में सदन की कार्रवाई दौरान कहा था कि छात्रावासों के लिए अलग कैडर बनाएंगे तथा तीन वर्ष से अधिक समय से जमे वॉर्डनों को हटाएंगे। इसके बाद नोटिस जारी हुए और एक पूर्व मंत्री के घर पर दुकान चली और लिफाफे भी बंधे और पूरा मामला ठण्डे बस्ते में चला गया। मौजूदा हालात ये है कि पूरा विभाग ही ठेके पर चल रहा है। कई वार्डन बिना आदेश के ही छात्रावासों को संभाल रहे हैं और कुछ वर्षों से जमे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि छात्रावासों में गुणवत्ता ताक में रखकर खाद्य सामग्री की आपूर्ति हो रही है। लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। टीएसपी क्षेत्र से दो-दो मंत्री बनाए हैं। एक राजस्व मंत्री और टीएडी मंत्री। परन्तु यह विभाग के मंत्री कम और भाजपा के प्रवक्ता का दायित्व निभा रहे हैं। उन्हें उनके विभागों में क्या हो रहा है, वहीं नहीं पता है। अधिकारी चूहों की तरह विभागों में भ्रष्टाचार को कूतरने में लगे हुए हैं।
बयान पर आज भी अडिग हूं- रोत
सांसद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आदिवासी की पूजा पद्धति किसी धर्म से मेल नहीं खाती है। वह स्वतंत्र है। आस्था सभी से हो सकती है। लेकिन उसे किसी धर्म विशेष का नहीं माना जा सकता है। हम वर्षों से आदिवासी की पहचान स्थापित करने की मांग को लेकर जातिगत जनगणना और धर्म कोड लागू करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, भाजपा बार-बार धर्म की राजनीति कर आदिवासियों को बरगलाने का प्रयास कर रही है। हाल ही में सरकार ने एनसीआरटी की 12वीं कक्षा में बिरसा मुण्डा की जीवनी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है। इसका हम विरोध करते हैं।