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भारतीयों में Heart attack का सबसे ज्यादा खतरा, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

World Heart Day 2024 : वर्तमान में आए दिन आपको अपने आसपास हार्ट अटैक (Heart attack) से होने वाली मौतों की खबर सुनने को मिलती रहती हैं। मगर कुछ समय से हार्ट अटैक के मामले कम आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में लोगों को जरूरत है कि वह अपने दिल का ध्यान रखें।

जयपुरSep 30, 2024 / 10:20 am

Manoj Kumar

World Heart Day 2024

World Heart Day 2024

World Heart Day 2024 : 29 सितंबर को हर साल ‘World Heart Day 2024‘ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को दिल की सेहत के प्रति जागरूक करना है। वर्तमान में, हार्ट अटैक (Heart attack) के मामलों में बढ़ोतरी और युवाओं में इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इस साल की थीम ‘यूज हार्ट फॉर एक्शन’ लोगों को दिल की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने का संदेश देती है।

हार्ट अटैक के बढ़ते मामले: भारतीयों के लिए क्यों है ये गंभीर खतरा? Increasing cases of heart attack: Why is it a serious threat for Indians?

भारतीयों को क्यों है ज्यादा खतरा? डॉ. कीर्ति चड्ढा, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड में चीफ साइंटिफिक एंड इनोवेशन ऑफिसर, ने इस समस्या पर प्रकाश डाला। उनका कहना है कि वैश्विक अध्ययनों के अनुसार, भारतीयों को हार्ट अटैक (Heart attack) का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक है। जेनेटिक कारणों से भारतीयों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। खराब जीवनशैली और तनाव भरे जीवन के कारण हार्ट डिजीज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामले हाल के सालों में युवाओं में हार्ट अटैक (Heart attack) के मामले चिंता का विषय बन गए हैं। पहले जहां हार्ट अटैक को बुजुर्गों की समस्या माना जाता था, अब कम उम्र के लोगों में भी इसका खतरा बढ़ गया है। इसकी वजह बदलती जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान और बढ़ता तनाव है।
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कोविड-19 और हार्ट डिजीज का संबंध डॉ. चड्ढा ने बताया कि कोविड-19 के बाद से हृदय रोग के मामलों में इजाफा देखा गया है। कोविड-19 ने हार्ट हेल्थ को प्रभावित किया है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा और भी बढ़ गया है। यह वायरस दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो जाता है।
नियमित जांच और रोकथाम है जरूरी हार्ट अटैक (Heart attack) से बचने का सबसे आसान तरीका है कि समय-समय पर अपनी जांच कराई जाए। डॉ. चड्ढा ने बताया कि हाइपरलिपिडिमिया, मधुमेह और अन्य हृदय रोगों का पता लगाने के लिए नियमित रक्त जांच जरूरी है। इससे समय रहते समस्या की पहचान की जा सकती है और उचित उपचार शुरू किया जा सकता है।
हृदय रोग से जुड़े प्रमुख मार्कर आधुनिक चिकित्सा में कुछ खास मार्कर, जैसे एपोलिपोप्रोटीन ई और एपोलिपोप्रोटीन ए1, का हार्ट डिजीज से सीधा संबंध है। साधारण ब्लड टेस्ट से कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और सूजन जैसी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। इन टेस्टों के माध्यम से दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है।
स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता डिजिटल युग में लोगों की सोच भी तेजी से बदल रही है। आज की पीढ़ी अपनी सेहत को लेकर जागरूक है और नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराती है। यह प्रवृत्ति दिल की बीमारियों की रोकथाम में सहायक साबित हो रही है।
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World Heart Day 2024 : वर्ल्ड हार्ट डे का उद्देश्य लोगों को अपने दिल की देखभाल के लिए प्रेरित करना है। भारतीयों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होने के कारण, समय-समय पर जांच कराना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है। इस वर्ल्ड हार्ट डे पर, अपने दिल का ख्याल रखें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए जागरूक रहें।

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