रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार अमेरिका में मच्छर जनित बीमारी का प्रमुख कारण वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ये पक्षियों और मच्छरों के बीच संचरण से होता है। इस बीमारी से मनुष्य, घोड़े और अन्य स्तनधारी जीव संक्रमित हो सकते हैं।
कैसे फैलता है ये वायरस
इंसाने में ये संक्रमण संक्रमित मच्छर काटने या पक्षी को खाने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि डब्ल्यूएनवी को अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या टिशूज के संपर्क में आने पर भी ये फैल सकता है।
ये बीमारी ट्रांसप्लासेंटल (गर्भवती से बच्चे में) में भी होने की संभावना होती है। हालांकि, अभी तक सीधे संपर्क से इस बीमारी के होने के क्लू नहीं नहीं मिले हैं। लेकिन संक्रमित के खून की जांच करने वाले लैब वर्कर्स में WNV ट्रांसमिशन की की संभावना रहती है।
इंसाने में ये संक्रमण संक्रमित मच्छर काटने या पक्षी को खाने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि डब्ल्यूएनवी को अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या टिशूज के संपर्क में आने पर भी ये फैल सकता है।
ये बीमारी ट्रांसप्लासेंटल (गर्भवती से बच्चे में) में भी होने की संभावना होती है। हालांकि, अभी तक सीधे संपर्क से इस बीमारी के होने के क्लू नहीं नहीं मिले हैं। लेकिन संक्रमित के खून की जांच करने वाले लैब वर्कर्स में WNV ट्रांसमिशन की की संभावना रहती है।
लक्षण क्या हैं?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द, मितली, उल्टी, कभी-कभी त्वचा पर लाल चकत्ते (शरीर के धड़ पर) और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। अधिक गंभीर बीमारी के लक्षणों में सिरदर्द, तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, स्तब्ध हो जाना, भटकाव, कोमा, कंपकंपी, ऐंठन, मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा शामिल हैं। आमतौर पर 3 से 14 दिन तक ऐसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द, मितली, उल्टी, कभी-कभी त्वचा पर लाल चकत्ते (शरीर के धड़ पर) और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। अधिक गंभीर बीमारी के लक्षणों में सिरदर्द, तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, स्तब्ध हो जाना, भटकाव, कोमा, कंपकंपी, ऐंठन, मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा शामिल हैं। आमतौर पर 3 से 14 दिन तक ऐसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
किनको है ज्यादा खतरा
ये बीमारी किसी को भी किसी उम्र में भी हो सकती है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उनमें गंभीरता ज्यादा नजर आ सकती है। 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों में जोखिम ज्यादा होगा।
ये बीमारी किसी को भी किसी उम्र में भी हो सकती है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उनमें गंभीरता ज्यादा नजर आ सकती है। 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों में जोखिम ज्यादा होगा।
बीमारी से बचाव के उपाय
1. वेस्ट नाइल वायरस (WNV) से बचने के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है।
2. पानी आदि का जमाव न होने दें।
3. घास-फुस आदि में मच्छर जहां ज्यादा हों वहां रिप्लेसमेंट का प्रयोग करें।
4. मच्छरदानी का प्रयोग करें।
5. चिकन या अन्य पक्षियों के सेवन से बचें।
1. वेस्ट नाइल वायरस (WNV) से बचने के लिए मच्छरों से बचाव जरूरी है।
2. पानी आदि का जमाव न होने दें।
3. घास-फुस आदि में मच्छर जहां ज्यादा हों वहां रिप्लेसमेंट का प्रयोग करें।
4. मच्छरदानी का प्रयोग करें।
5. चिकन या अन्य पक्षियों के सेवन से बचें।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।