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डायबिटीज
डायबिटीज भी ऐसी बीमारी जिसके लक्षण सामान्य रहते हैं। लेकिन यह एक लाइलाज बीमारी है। यह किडनी और दिल को भारी नुकसान पहुंचता है। दुनिया में काफी ज्यादा लोग प्री-डायबिटिक हैं। मतलब ये कि उनमें इस बीमारी की शुरुआत हो चुकी हैं। लेकिन लक्षण ना दिखने की वजह से उनको इसके बारे में पता भी नहीं चल पाता है।
हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक एचडीएल अच्छा और एलडीएल बुरा कोलेस्ट्रॉल होते हैं। हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का कोई लक्षण या संकेत नहीं होता। ऐसी बीमारियों को पकड़ने के लिए रेगुलर चेकअप जरूरी है।
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फैटी लिवर
अगर आप भी खाने में ज्यादा फैट का सेवन करते हैं तो यह आपके लिवर को सड़ा सकता है। लेकिन यह काम इतना धीरे होता है कि इसकी भनक तक नहीं लगती। यह शराब के अत्यधिक सेवन से गंभीर हो सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर
नसों में ब्लॉकेज आने पर खून को बहने का रास्ता नहीं मिलता है। इस वजह से दिल को ज्यादा प्रेशर के साथ ब्लड पंप करना पड़ता है। ऐसा होने पर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को खोखला बना देती है। इसमें हमारे शरीर में कैल्शियम व विटामिन डी की कमी हो जाती है। जिस वजह से छोटी-सी चोट की वजह से भी हड्डी फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
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कैंसर
हम सभी जानते हैं कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इसमें शरीर के अंदर हानिकारक विकास होने लगता है। शुरुआती लक्षण तो सामान्य होते हैं। जिस वजह से लोग इसे थकान या कमजोरी समझकर भूल कर बैठते हैं। इसकी सही जानकारी तब मिलते हैं जब यह बीमारी हमारे शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेता है।
स्लीप एप्निया
स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है। इस बीमारी में नींद के दौरान सांस अपने आप रुक जाती है और फिर शुरू हो जाती है। इसके मरीजों को स्ट्रोक या मौत का खतरा अधिक होता है। इसमें मरीज को तेज-तेज खर्राटे की समस्या हो सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।