1. लगातार भूख में कमी आना।
2. लगातार वजन कम होना।
3. हाथ, गर्दन, चेहरे और उंगुलियों में सूजन रहना। शरीर के अंगो में कमजोरी आना।
4. बार-बार निमोनिया की शिकायत।
5. शरीर के अंग जैसे कि पीठ, पैर, कंघे में लगातार दर्द बना रहना।
6. लंबे समय तक लगातार खांसी आना और खांसने की आवाज में परिवर्तन होना
7. खांसते-खांसते मुंह से खून निकलना या फिर भूरे रंग का थूक आना।
8. बार-बार सांस की नली में सूजन होना।
9. संक्रामक रोगों की गिरफ्त में जल्दी-जल्दी आना।
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Symptoms of oral cancer मुंह के कैंसर का लक्षण
मुंह या गले में जब तंबाकू के कारण कैंसर होता है तो कुछ ऐसे लक्षण नजर आते हैं
1. मुंह ज्यादा नहीं खुलता। मुंह में अगर तीन उंगलियां नहीं जा रही तो ये खतरे का संकेत है।
2. मुंह में र्मिच-मसाले खाने पर बेतहाशा जलन महसूस होना
3. मुंह में छाले का बार-बार बनना
4. मुंह में सफेद या काले रंग का जमाव, जिससे मांस के सड़न सी बदबू आए।
5. छाले का एक हफ्ते से ज्यादा बने रहना और खाने पीने या चबाने में दिक्कत
6. गले में कुछ भी निगलने में परेशानी महसूस होना
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Not only lungs or mouth, there is a risk of cancer in these organs too लंग्स या मुंह ही नहीं, इन अंगों में भी कैंसर का खतरा– सिगरेट-बीड़ी या हुक्का ब्लैडर कैंसर, सर्विक्स, फेफड़ों, लिवर, गुर्दे, ग्रसनी, पैनक्रियाज़, मुंह, गले, लेरिंक्स, किडनी, कोलन, रेक्टम, पेट का कैंसर दे सकते हैं।
– दिल की बीमारियों का खतरा
– धूम्रपान से दिल की बीमारियों का खतरा भी होता है। धूम्रपान से खून में ट्राइग्लीसराईड बढ़ता है। इससे खून जमने की संभावना बढ़ जाती है, इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
Risk of high blood pressure हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम
सिगरेट पीने से हाइपरटेंशन, एरिथमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ जाती है और इससे कोरोनरी आर्टरी रोग, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, पेरिफरल आर्टरी रोग का खतरा बढ़ता है।
सीओपीडी फेफड़ों का रोग है और इसकी बड़ी वजह तंबाकू ही होता है। इसमें फेफड़ों में हवा का प्रवाह कम होने के कारण सांस की समस्याएं हो जाती हैं। सीओपीडी में एम्फाइसेमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। सीओपीडी में फेफड़ों के वायु कोषों की दीवारों को नुकसान पहुंचता है, जिससे एयर ट्यूब्स स्थायी रूप से संकरी हो जाती हैं। इन ट्यूब्स के भीतर म्युकस जमने से इनकी मोटाई बढ़ जाती है। सीओपीडी आमतौर पर धूम्रपान की वजह से होता है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।