अक्सर एलर्जी को बदलते मौसम में हाेती हैं। नाक-कान और गले के बीच में होने वाली खुजली इसका पहला लक्षण होती है। इसे बाद छींक आना और नाक बहने के साथ आंखों से पानी बहने लगता है। लेकिन लोग इसे ज्यादातर जुकाम समझ लेते हैं। जबकि ये एलर्जी होती है। एलर्जी और जुकाम में काफी अंतर होता है। गर्मी में लू या हवा तेज चलती है। इससे डस्ट के नैनो पार्टिकल्स सांस के साथ शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और नतीजा एलर्जी शुरू हो जाती है। हालांकि कई बार केवल धूल, मिट्टी और धुएं के कारण ही नहीं कुत्ते और बिल्ली जैसे पालतू पेट्स के बालों से भी एलर्जी होती है।
इसलिए होती है एलर्जी
ये छोटे छोटे परागकण नाक में घुसकर उसके भीतर श्लेष्मा की परत से चिपक जाते हैं। इसके बाद यह नाक से गले तक पहुंच जाते हैं और इम्युनिटी पर इफेक्ट डालने लगते हैं। इन नैनो पार्टिकल्स के प्रतिरोध की वजह से शरीर में हिस्टामीन निकलता हैं जो तेजी से फैलकर एलर्जी के लक्षण पैदा करता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह हल्की एलर्जी साइनस संक्रमण, लिम्फ नोड संक्रमण और अस्थमा जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
ये छोटे छोटे परागकण नाक में घुसकर उसके भीतर श्लेष्मा की परत से चिपक जाते हैं। इसके बाद यह नाक से गले तक पहुंच जाते हैं और इम्युनिटी पर इफेक्ट डालने लगते हैं। इन नैनो पार्टिकल्स के प्रतिरोध की वजह से शरीर में हिस्टामीन निकलता हैं जो तेजी से फैलकर एलर्जी के लक्षण पैदा करता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह हल्की एलर्जी साइनस संक्रमण, लिम्फ नोड संक्रमण और अस्थमा जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
एलर्जी से क्या-क्या होती हैं दिक्कतें ऐसे करें एलर्जी का इलाज एलर्जी से बचाव के घरेलू उपाय (डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)