ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान क्यों महत्वपूर्ण? Why is early detection of breast cancer important?
मालाबार कैंसर केयर सोसाइटी के संस्थापक डी. कृष्णनाधा पाई, जिन्होंने इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च इन कैंसर (IARC) के साथ पायलट स्टडी की, कहते हैं, “स्मिता के कैंसर की जल्दी पहचान इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह अभी फैला नहीं था और उन्हें बहुत गहन इलाज की जरूरत नहीं पड़ी।”पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस (PUD) क्यों खास है? Why is the Portable Ultrasound Device (PUD) special?
डॉ. पार्थ बसु, IARC के अर्ली डिटेक्शन, प्रिवेंशन और इंफेक्शंस ब्रांच के प्रमुख, बताते हैं कि PUD की खासियत यह है कि यह उन महिलाओं की पहचान में मदद करता है जो सकारात्मक परिणाम देती हैं और इससे अनावश्यक बायोप्सी, अतिरिक्त खर्च और मानसिक तनाव को टाला जा सकता है। यह भी पढ़ें – देखें तस्वीरें : ये 5 तरीके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं
पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस (PUD) क्या है? What is a Portable Ultrasound Device (PUD)?
PUD एक छोटा उपकरण है, जो आकार में स्मार्टफोन से थोड़ा बड़ा होता है और इसे आसानी से चार्ज किया जा सकता है। यह पारंपरिक अल्ट्रासाउंड मशीनों से बहुत सस्ता है, लेकिन इसकी इमेज रेज़ोल्यूशन काफी उच्च होती है। हर डिवाइस में विशेष जांच (प्रोब) होती है जो ब्रेस्ट टिशू को विश्लेषित करती है। प्रशिक्षित चिकित्सक इन छवियों को टैबलेट पर देखकर संदिग्ध और सामान्य गांठों के बीच अंतर कर सकते हैं। यह उन हिस्सों की ही जांच करता है जहां CBE में गांठ की संभावना पाई गई हो और इस आधार पर “ट्रायेज नेगेटिव” (कोई गांठ नहीं, या सामान्य गांठ) या “ट्रायेज पॉजिटिव” (अन्य सभी संदिग्ध गांठ) का निदान किया जाता है।पायलट स्टडी और इसका महत्व
भारत में हर साल करीब 1.8 लाख नए ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के मामले सामने आते हैं, जो महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर है। हालांकि मैमोग्राफी सबसे सटीक जांच मानी जाती है, लेकिन कम आय वाले देशों में इसे लागू करना व्यावहारिक नहीं है। क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (CBE) एक वैकल्पिक जांच के रूप में सुझाई गई है और इसे भारत के राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल किया गया है। लेकिन इसकी उच्च फॉल्स पॉजिटिव दर (गलत सकारात्मक परिणाम) महिलाओं को अनावश्यक जांच प्रक्रियाओं में डाल सकती है।अध्ययन के परिणाम क्या दिखाते हैं?
4,943 महिलाओं की जांच के बाद 242 महिलाओं में CBE पॉजिटिव परिणाम मिला, जिनमें से 121 का PUD इमेजिंग किया गया। “अब तक कुल 33 ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए हैं, और PUD ने इनमें से किसी को भी मिस नहीं किया,” डॉ. बसु कहते हैं। अध्ययन अभी भी जारी है और इसे भारत के अन्य केंद्रों और कुछ अफ्रीकी देशों में भी बढ़ाया जा रहा है। अगर यह सफल रहता है, तो इसका बड़ा लाभ यह होगा कि CBE में अक्सर गलत सकारात्मक परिणाम आते हैं। 100 में से 96 महिलाओं में कैंसर नहीं होता, लेकिन PUD द्वारा तुरंत जांच से अनावश्यक जांचों और मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। यह भी पढ़ें – Breastfeeding मां में स्तन कैंसर और Depression की संभावना को कम करता है