ऐसा होता है मस्तिष्क के अग्र भाग फं्रटल लोब के निचले हिस्से के क्षतिग्रस्त होने पर। साथ में कॉर्पस केलोसम के आगे के भाग की भी क्षति होती है। कॉर्पस केलोसम नर्व फाइबर्स का सेतु होता है जो दाएं व बाएं सेरीब्रल हेमिसफियर्स को आपस में जोड़ता है, आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान होता है।
कार्य समन्वय होता है। सेतु के क्षतिग्रस्त होने पर यह सम्बन्ध विच्छेद हो जाता है और अपना हाथ ही पराया हो जाता है। इसे एलियन हैन्ड सिंड्रोम कहते हैं।
मरीज ऑफिस टेबल पर बैठा दाएं हाथ से कलम से कुछ लिख रहा है। तभी बिना उसकी इच्छा के, बिना उसको भान हुए, उसका बायां हाथ आता है और टेबल पर रखे पानी के गिलास को जकड़ लेता है। वह हाथ पराए हाथ की तरह काम करता है। गला दबाने की विकृत क्रिया इसी का प्रारूप है।
कुछ मरीजों में तो हाथों का यह परायापन इस हद तक होता है कि एक दूसरे के विपरीत काम करते हैं। दायां हाथ कमीज के बटन लगा रहा है तो बायां हाथ बटन खोल रहा है। दायां हाथ गिलास उठाने की कोशिश कर रहा है तो बायां हाथ रोक रहा है।
सही हाथ मौजा पहनाता है तो पराया बना हाथ उसे उतार देता है। ऐसी विरोधी प्रक्रियाएं अमूमन कॉर्पस केलोसम के क्षतिग्रस्त होने पर होती हैं। एक महिला को बचपन से मिर्गी के भीषण दौरे पड़ते थे। जब दवाओं से दौरे काबू में नहीं आए तो डॉक्टर ने ऑपरेशन कर कॉर्पस केलोसम को काट दिया।
मिर्गी के दौरे ठीक हो गए। डॉक्टर को दिखाने गई थी। हटात् डॉक्टर ‘अरे! यह तुम क्या कर रही हो? ब्लाउज के बटन क्यों खोल रही हो?’ महिला को भान ही नहीं था कि उसका एक हाथ बटन खोल रहा है। झेंपते हुए उसने दूसरे हाथ से बटन बंद किए। डॉक्टर से मुखातिब हुई तब तक तो उसका पहला हाथ फिर बटन खोलने लगा।
मस्तिष्क के इस भाग को एन्टीरियर सेरिब्रल आर्टरी रक्त सप्लाई करती है जिसके अवरुद्ध होने पर (थ्रोम्बोसिस) इस भाग का मस्तिष्क घात होता है जिसके फलस्वरूप होता है एलियन हैन्ड सिंड्रोम। दाएं ओर के मस्तिष्क घात में बायां हाथ और बाएं ओर के घात में दायां हाथ।