तंबाकू और सुपारी का खतरा Mouth Cancer Crisis in India
अध्ययन के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में कुल 1,20,200 ओरल कैंसर (Mouth Cancer) के मामलों में से 83,400 मामले अकेले भारत में थे, जिनका मुख्य कारण बिना धुएं वाले तंबाकू उत्पादों जैसे पान मसाला, गुटखा, खैनी, और सुपारी है।Mouth Cancer Crisis in India :महिलाओं और पुरुषों में कैंसर के कारण
महिलाओं में मुंह के कैंसर (Mouth Cancer) के सबसे अधिक मामले सुपारी (30%) और तंबाकू वाले पान मसाले (28%) के कारण देखे गए हैं। वहीं, पुरुषों में खैनी (47%) और गुटखा (43%) जैसे उत्पादों का प्रमुख योगदान रहा है। यह भी पढ़ें : Uric acid kam karne wali chutney : हड्डियों में जमा यूरिक एसिड को निचोड़कर बाहर निकाल देगी ये चटनी
Mouth Cancer Crisis in India : स्वास्थ्य पर बढ़ता बोझ
डॉ. हैरियट रूमगे, आईएआरसी के कैंसर निगरानी विभाग की वैज्ञानिक, ने बताया कि बिना धुएं वाला तंबाकू और सुपारी कई बीमारियों, विशेष रूप से ओरल कैंसर (Mouth Cancer) से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि 1,20,000 से अधिक लोग ऐसे ओरल कैंसर से पीड़ित हैं जो बिना धुएं वाले तंबाकू या सुपारी के सेवन से हो सकते हैं।Mouth Cancer Crisis in India : रोकथाम की आवश्यकता
अध्ययन ने यह भी दर्शाया कि अगर बिना धुएं वाले तंबाकू और सुपारी का सेवन रोका जाए, तो लगभग 31% ओरल कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है।Mouth Cancer Crisis in India : क्षेत्रीय डेटा और स्थिति
भारत के बाद बांग्लादेश (9,700), पाकिस्तान (8,900), और चीन (3,200) जैसे देशों का स्थान है, जहां मुंह के कैंसर (Mouth Cancer) के मामले सामने आए हैं। यह भी पढ़ें : Karisma Kapoor weight loss : करिश्मा कपूर ने 25 किलो वजन कैसे घटाया, जानिए उनके आसान डाइट टिप्स
नीतिगत सुझाव
डॉ. इसाबेल सोरजियोमतराम ने कहा कि धूम्रपान पर नियंत्रण में सुधार हुआ है, लेकिन बिना धुएं वाले तंबाकू के सेवन को रोकने में प्रगति ठहरी हुई है। इस प्रकार, बिना धुएं वाले तंबाकू पर नियंत्रण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। यह अध्ययन हमें याद दिलाता है कि बिना धुएं वाले तंबाकू और सुपारी के सेवन को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है। जागरूकता बढ़ाने और नीतियों में सुधार करके हम इस स्वास्थ्य संकट को कम कर सकते हैं।