सरल शब्दों में इसका मतलब है कि इस तरह के शिशुओं के सिर आकार अन्य शिशुओं के सिर से 97 प्रतिशत बड़ा होता है। जन्म के बाद बच्चे आम तौर पर सात बार बाल रोग विशेषज्ञों से जांच करवाते हैं। हर बार, डॉक्टर संभावित न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का पता लगाने के लिए बच्चे के सिर का माप लेते हैं, जिसका अर्थ है कि जब तक फीनिक्स जैसा बच्चा नौ महीने का नहीं हो जाता, तब तक विशेषज्ञ किसी तरह का संकेत नहीं दे सकता। लगभग दो प्रतिशत शिशुओं में मैक्रोसेफली होती है, जिसे गर्भकालीन आयु औसत से दो मानक से अधिक सिर की परिधि के रूप में परिभाषित किया गया है। बाल रोग विशेषज्ञ बच्चे के सिर की परिधि को तीन वर्ष की आयु तक मापते हैं। यदि बार-बार माप से मैक्रोसेफली की पुष्टि होती है, तो डॉक्टर पैरेंट्स को बताते हैं। यदि माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों का सिर बड़ा है, तो संभावना अधिक है कि बच्चे का सिर भी बड़ा होगा।
यदि आनुवंशिकी कारण न हो तो डॉक्टर बच्चे का अल्ट्रासाउंड करवाते हैं और यह पता लगाते हैं कि मस्तिष्क के आसपास मस्तिष्कमेरु द्रव (सीएसएफ) का कोई निर्माण हुआ है या नहीं। इसके लिए संभावित रूप से एमआरआई और सीटी स्कैन भी करवाया जाता हैं। जानकारी के अनुसार मस्तिष्क के अंदर द्रव का निर्माण, या हाइड्रोसिफ़लस, मैक्रोसेफली का एक संभावित घातक कारण है जिसे ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सीएसएफ एक तरल पदार्थ है जो मस्तिष्क में वेंट्रिकल्स और उसके आसपास बहता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को कार्यशील रखने के लिए अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालता है।
हिल्टन ने अपने अनुभवों को शेयर करते हुए कहा कि फीनिक्स के सिर का आकार भले ही बड़ा हो, लेकिन वह पूरी तरह से स्वस्थ है। विशेषज्ञ के अनुसार बड़ा मस्तिष्क होने का मतलब अति-बुद्धि या मंदबुद्धि होना नहीं है। ब्रेन ट्यूमर के कारण शिशु का सिर तेजी से और सामान्य से अधिक बढ़ने का कारण बन सकता है। लेकिन शिशुओं में ब्रेन ट्यूमर दुर्लभ है, प्रत्येक 100,000 बच्चों में से केवल पांच में होता है। कुछ मामलों में मैक्रोसेफली को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के मामलों से जोड़ा गया है।
20 प्रतिशत आॅटिस्टिक बच्चों के सिर की साइज होती बड़ी
कुछ लोगों का अनुमान है कि ऑटिज्म से पीड़ित लगभग 20 प्रतिशत लोगों के सिर भी बड़े होते हैं, जबकि एक का अनुमान है कि लोगों का अनुमानित हिस्सा इससे कहीं अधिक 35 प्रतिशत है।