इन मरीजों में रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होने से यूरिन में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यूरिन में सामान्य व गंभीर संक्रमण (पाइलो नेफ्राइटिस) की आशंका भी रहती है।
किडनी संबंधी समस्याओं में लक्षण
यूरिन में प्रोटीन निकलने से रक्त में प्रोटीन की मात्रा कम होना। इससे आंखों के आसपास सूजन आ जाती है। यह सूजन सुबह उठते समय ज्यादा होती है। पैरों में सूजन आने के साथ पूरे शरीर पर सूजन दिखती है। इसके अलावा काम में मन न लगना, कमजोरी व उल्टी आने जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। गंभीर स्थिति में किडनी यूरिन का निर्माण नहीं कर पाती व मरीज को यूरिन कम आता है।
रक्त में शुगर का स्तर जितना नियंत्रित रहेगा उतना ही किडनी पर दबाव कम होगा। डायबिटीज के रोगी हैं तो डायबिटोलॉजिस्ट के अलावा नेफ्रोलॉजिस्ट को भी दिखाएं। बताई गई दवा नियमित लें। खानपान में परहेज बरतें और दिनचर्या में सुधार करें। समय-समय पर किडनी संबंधी जांचें कराते रहें।