आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार, कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू फैलने के कई कारण हो सकते हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने से, साथ में सोने से, साथ में खाना खाने से, हाथ मिलाने से, गले मिलने से, उनके कपड़े जैसे तौलिया, रूमाल, गमछा, तकिया, बिस्तर आदि का उपयोग करने से और अपने हाथों से बार बार मुख, आंखें इत्यादि को छूने से हो सकता है।
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आई फ्लू के लक्षण
आंखों का लाल होना
आई फ्लू में आंखें लाल हो जाती है और आंखों में किरकारापन महसूस होने के साथ पानी आना और खुजली होना भी शामिल है। अगर किसी की एक आंख में कंजक्टिवाइटिस है और अगर आप उसे छूते हैं और फिर बिना साबुन से हाथ धोए उसी हाथ से दूसरी आंख को भी छू लेते हैं तो इससे भी दूसरी आंख संक्रमित हो जाती है। इसलिए बचाव के सही तरीकों को जरूर जानिए।
आंख का सफेद भाग में सूजन आना
आंखों के संक्रमण से आंख के सफेद भाग कंजक्टिवा में सूजन आ जाती है। यह पलकों की आंतरिक परत तक होती है। जब सफेद भाग (कंजक्टिवा) की सूक्ष्म रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तो आंखों का यह सफ़ेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है। लेकिन जब इसमें बैक्टीरियल संक्रमण हो जाता है तो यह गंभीर हो जाता है।
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रसोई में मौजूद है इसका इलाज
एक्सपर्ट के अनुसार, आई फ्लू से बचने के लिए हमारी रसोई में मौजूद 3 चीजों से राहत पाया जा सकता है। आई फ्लू में आंखों को बार-बार धोना काफी फायदेमंद रहता है। इसलिए साफ पानी से आंखों को बार-बार धो सकते हैं। साथ ही त्रिफला क्वाथ से आंखें धो सकते हैं और तीसरा गुलाब जल से आंखें घो सकते हैं। इसमें साफ जल और गुलाब जल तो सामान्य रूप से इस्तेमाल किए जा सकते हैं लेकिन त्रिफला क्वाथ आपको बनाना पड़ेगा।
त्रिफला क्वाथ कैसे बनाएं
एक गिलास साफ पीने वाले पानी में दो चुटकी त्रिफला चूर्ण डालकर उबालें, अच्छे से उबल जाए तब नीचे रख दे, साधारण गुनगुना हो जाने पर त्रिफला क्वाथ पानी को एक सूती कपड़े की सात-आठ लेयर बना के छान लें। ताकि उसमें चूर्ण के कण निकल जाएं। अब छने हुए त्रिफला क्वाथ पानी से दो अलग-अलग गिलास में डाल लें। इस क्वाथ से दोनो आंखों को अलग-अलग धोएं। फायदा मिलेगा।