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रेगुलर स्वीमिंग करने से अन्य व्यायाम की जरूरत नहीं पड़ती। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जिमिंग के मुकाबले तैराकी में 10 गुना अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव होने से शरीर के जोड़ भी मजबूत होते हैं।
स्वीमिंग से पूरी बॉडी का मूवमेंट होता है जिससे रक्तसंचार बेहतर होता है। ऐसे में हृदय का काम भी सुचारू होने से यह अंग सेहतमंद रहता है। हृदय व दिमाग से जुड़े रोगों की आशंका काफी हद तक कम होने से तनाव भी कम होता है।
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यह शरीर की एक्सट्रा कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। इससे व्यक्ति को डिहाइड्रेशन का सामना नहीं करना पड़ता और बॉडी शेप में रहती है। शरीर में लचीलापन लाने के लिए यह बेहतर व्यायााम है।
हृदय रोग और वजन बढऩे से होने वाले रोगों की आशंका स्वीमिंग करने से कम हो जाती है। साथ ही इससे शरीर के लिए जरूरी हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। ये बैड कोलेस्ट्रॉल बढऩे से रोकता है।
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डायबिटीज टाइप-1 व 2 दोनों के मरीजों के लिए स्वीमिंग एक थैरेपी की तरह काम करती है। तैराकी से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है जिससे वजन और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इस वजह से शुगर लेवल में भी उतार-चढ़ाव नहीं होता है।