एडवांस हेयर लॉस हो तो
हेयर ट्रांसप्लांट महंगी सर्जरी है, इसलिए यह एडवांस स्टेज में ही ठीक रहती है। यह तब करवाएं, जब दवाओं और पीआरपी जैसी तकनीक का असर नहीं हो रहा। पीआरपी तकनीक में मरीज के प्लाज्मा लगाया जाता है। बालों के झडऩे की प्राथमिक अवस्था में दवा और पीआरपी की सलाह दी जाती है।
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मेडिकल ट्रीटमेंट किसे जरूरी?
जो लोग हेयर ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं, उन्हें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि उनके स्केल्प पर अभी जितने बाल शेष बचे हैं, उन्हें बचाए रखने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट जारी रखना होगा। ताकि ट्रांसप्लांट की स्थिति में वहां से बाल लिए जा सकें।
स्केल्प वाले बालों की ग्रोथ अच्छी
स्केल्प के पिछले हिस्से से निकाले जाने वाले बाल स्थाई होते हैं। यहां एंडोजेनिया हार्मोन का प्रभाव नहीं होता है। जबकि शरीर की अन्य जगहों के बालों की गुणवत्ता में फर्क होता है। उनकी ग्रोथ भी धीमी होती है और उनके झडऩे की आशंका भी रहती है।
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ग्रेड 7 पर ट्रांसप्लांट
इसके लिए भी बालों की ग्रेडिंग का सिस्टम है। 4-5 ग्रेड है तो 40-50% हेयर लॉस होता है। ग्रेड 7 पर हेयर ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है जो 60% से अधिक हेयर लॉस होता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।