इसके कोई लक्षण नहीं होते और न ही यह पता चलता है कि बच्चा ऐसा कर भी रहा है। लेकिन लंबे समय तक ऐसा करने से जब तक इस वजह से कोई परेशानी न हो तब तक इसका पता नहीं चलता।
घिसने व पीसने से दांत व जबड़े भी प्रभावित होते हैं। इसके क्रॉनिक बीमारी का रूप लेने पर दांत धंस जाते हैं जिससे दांतों या जबड़े के फ्रेक्चर होने, दांतों की जड़ों का ढीला होने व असमय इनके टूटने की आशंका बढ़ती है।
गंभीर समस्या में दांतों का रूट कैनाल ट्रीटमेंट, इंप्लांट, डेंचर लगाने की जरूरत भी पड़ सकती है। आदत बहुत पुरानी न होने पर डॉक्टर माउथ गार्ड पहनने की सलाह देते हैं। आदत छुड़ाने के लिए च्वूइंगम दे सकते हैं। बीच-बीच में टोकें।