मधुमेह (Diabetes) से ग्लूकोमा होने का खतरा दोगुना हो जाता है, यह वह बीमारी है जो आंखों को दिमाग से जोड़ने वाली देखने की नस को खराब कर देती है।
यह भी पढ़ें-केवल पुरुषों में दिखते हैं डायबिटीज के ये लक्षण, बचाव के लिए रखें खास ख्याल मधुमेह (Diabetes) का बेकाबू रहना आंखों के हर हिस्से को प्रभावित करता है, पलकों, कॉर्निया, लेंस, रेटिना और आंख की रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है और आंख के अंदर का दबाव भी बढ़ा सकता है।
मधुमेह (Diabetes) कामकाजी उम्र के लोगों में अंधापन (Blindness) का एक प्रमुख कारण है। इससे रेटिना में मौजूद रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं और आंख में तरल पदार्थ का रिसाव हो सकता है। इलाज न कराने पर यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे कि दृष्टि कम होना और रेटिना का अलग होना (जहां रेटिना अपनी सामान्य स्थिति से पीछे हट जाती है)।
यह भी पढ़ें-आंखों की रोशनी बढ़ाने का 100% असरदार नुस्खा, सोने से पहले खाएं ये 2 चम्मच पाउडरचिंताजनक आंकड़े हाल ही में लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 2.1 करोड़ लोग नेत्रहीन हैं, जिनमें से 24 लाख पूरी तरह से अंधे हैं। यह आंकड़े बढ़ने का अनुमान है क्योंकि देश में मधुमेह(Diabetes) , जो देखने की क्षमता कम होने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तेजी से बढ़ रहा है।
मधुमेह का अन्य आंखों से जुड़ी बीमारियों से संबंध
मधमेह (Diabetes) नेत्र विकारों जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, मैक्यूलर एडीमा, सूखी आंखों आदि के जोखिम को भी बढ़ा देता है, ये सभी चीजें देखने की क्षमता को कम कर सकती हैं या अगर इनका पता नहीं चलता और इलाज नहीं किया जाता है तो अंधापन भी हो सकता है।
अंधापन रोका जा सकता है Blindness can be prevented
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ब्लड शुगर (Blood sugar) , ब्लड प्रेशर (blood pressure) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को नियंत्रित रखा जाए तो अंधापन (Blindness) को रोका जा सकता है। ** बचाव के उपाय**
– मधुमेह (Diabetes) के सभी रोगियों को नियमित रूप से आंखों की जांच करानी चाहिए।
– स्वस्थ खानपान का पालन करें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– धूम्रपान छोड़ दें।