HIV और AIDS में काफी अंतर होता है। असल में एचआईवी का जब इलाज सही से न हो तब ये एड्स में तब्दील होता है। इसका अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के सहारे वायरल लोड को कम किया जा सकता है, जिससे शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बना रहता है।
HIV से संक्रमित होने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध या किसी संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से होता है। वहीं, बच्चों में ये संक्रमण उनकी मांओं से आ जाता है। इससे संक्रमित लोगों को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है, जिससे वायरल लोड कम होता है। अगर समय पर इलाज हो जाए तो काफी मदद मिलती है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो AIDS होने का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर HIV की चपेट में आने के कई सालों बाद AIDS की बीमारी होती है।
HIV से संक्रमित होने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध या किसी संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से होता है। वहीं, बच्चों में ये संक्रमण उनकी मांओं से आ जाता है। इससे संक्रमित लोगों को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है, जिससे वायरल लोड कम होता है। अगर समय पर इलाज हो जाए तो काफी मदद मिलती है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो AIDS होने का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर HIV की चपेट में आने के कई सालों बाद AIDS की बीमारी होती है।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, HIV से संक्रमित होने पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- बुखार होना, गला खराब होना या कमजोरी आना। इसके बाद इस बीमारी में तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, जब तक AIDS न बन जाए। AIDS होने पर वजन घटना, बुखार आना या रात में पसीना आना, थकान-कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं।
HIV के तीन स्टेज के बाद होता है AIDS
एचआईवी तीन स्टेज पार करने के बाद एड्स में तब्दील होता है। पहली स्टेजः व्यक्ति के खून में HIV का संक्रमण फैल जाता है. इस समय व्यक्ति बहुत से और लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं. हालांकि, कई बार संक्रमित व्यक्ति को कोई लक्षण भी महसूस नहीं होते।
एचआईवी तीन स्टेज पार करने के बाद एड्स में तब्दील होता है। पहली स्टेजः व्यक्ति के खून में HIV का संक्रमण फैल जाता है. इस समय व्यक्ति बहुत से और लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं. हालांकि, कई बार संक्रमित व्यक्ति को कोई लक्षण भी महसूस नहीं होते।
दूसरी स्टेजः ये वो स्टेज होती है जिसमें संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखता, लेकिन वायरस एक्टिव रहता है। कई बार 10 साल से भी ज्यादा वक्त गुजर जाता है, लेकिन व्यक्ति को दवा की जरूरत नहीं पड़ती। इस दौरान व्यक्ति संक्रमण फैला सकता है। आखिर में वायरल लोड बढ़ जाता है और व्यक्ति में लक्षण नजर आने लगते हैं।
तीसरी स्टेजः अगर HIV का पता लगते ही अगर दवा लेनी शुरू कर दी जाए तो इस स्टेज में पहुंचने की आशंका बेहद कम होती है। HIV का ये सबसे गंभीर स्टेज है, जिसमें व्यक्ति AIDS से पीड़ित हो जाता है. AIDS होने पर व्यक्ति में वायरल लोड बहुत ज्यादा हो जाता है और वो काफी संक्रामक हो जाता है। इस स्टेज में बिना इलाज कराए व्यक्ति का 3 साल जी पाना भी मुश्किल होता है।
कैसे बचा जाए?
HIV का संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा असुरक्षित यौन संबंध से होता है। यौन संबंध बनाते समय प्रिकॉशन, एक से अधिक पार्टनर संग संबंध न बनाना, इजेक्शन हमेशा नया यूज करना, एक ही इंजेक्शन से कई लोगों का दवा लेना या ड्रग्स लेने से बचना चाहिए।
HIV का संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा असुरक्षित यौन संबंध से होता है। यौन संबंध बनाते समय प्रिकॉशन, एक से अधिक पार्टनर संग संबंध न बनाना, इजेक्शन हमेशा नया यूज करना, एक ही इंजेक्शन से कई लोगों का दवा लेना या ड्रग्स लेने से बचना चाहिए।