कार्डियो व एरोबिक व्यायाम: ये एक्टिविटीज हृदय को मजबूती देने के साथ ही ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में भी सहायक हैं। इनमें वॉकिंग, साइकिलिंग, रोप जंपिंग, स्कीइंग, स्केटिंग लो या हाइ इम्पैक्ट एरोबिक्स, वाटर एरोबिक्स जैसी एक्टिविटीज शामिल हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: मांसपेशियां मजबूत बनाने और कैलोरी बर्न करने के साथ ही जोड़ों व हड्डियों के लिए भी बेहतर है।
स्ट्रेचिंग: शरीर लचीला बनता है, फुर्ती आती है, बॉडी मूवमेंट में सहायता मिलती है और शरीर का दर्द भी दूर होता है।
क्या करें : सप्ताह में कम से कम 5 दिन व्यायाम करें। हर दिन मीडियम इंटेंसिटी के व्यायाम 30 मिनट तक कर सकते हैं। समय कम हो तो सप्ताह में 4 दिन और 20 मिनट रोजाना एक्सरसाइज कर सकते हैं। इससे भी कम समय हो तो नियमित 5-10 मिनट व्यायाम जरूर करें।
ये बातें ध्यान रखें
एक्सरसाइज के दौरान या बाद में शरीर के रिएक्शन पर ध्यान दें और कोई भी दिक्कत हो तो एक्सरसाइज न करें। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। कुछ जरूरी बातें जिन पर ध्यान दें-
बीपी बढऩे के कारणों का पता करें।
लिपिड प्रोफाइल, किडनी रोग, शुगर सहित जीवनशैली से प्रेरित रोगों व समस्याओं का पता करें।
छाती में अकडऩ, दर्द, चक्कर जैसे लक्षण दिखें तो व्यायाम न करें।
जैसे ही थकान होने लगे, व्यायाम बंद कर दें।
ट्रेनर की देखरेख में व्यायाम करें।
वॉकिंग-जॉगिंग को प्राथमिकता दें और छोटे लक्ष्य के साथ व्यायाम करें।
किसी भी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।