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Cancer Risks : 1990 के बाद पैदा हुए लोगों में 17 तरह के कैंसर का खतरा, जानें क्या है कारण

Cancer Risks : अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की नई स्टडी ने सबको चौंका दिया है। लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक, 1990 के बाद जन्मे लोग 17 अलग-अलग प्रकार के कैंसर (Cancer Risks) के जोखिम में हैं।

जयपुरAug 17, 2024 / 03:46 pm

Manoj Kumar

New Generation Faces Rising Cancer Risks: What Science Says

Cancer Risks : अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की नई स्टडी ने सबको चौंका दिया है। लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक, 1990 के बाद जन्मे लोग 17 अलग-अलग प्रकार के कैंसर (Cancer Risks) के जोखिम में हैं। जनरेशन एक्स और मिलेनियल्स यानी आज की युवा पीढ़ी को इन खतरों का सामना करना होगा, जबकि पिछली पीढ़ियों ने इन खतरों को मात दी थी।

स्टडी की प्रक्रिया New Generation Faces Rising Cancer Risks

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के कैंसर एपिडेमियोलॉजिस्ट ह्यूना सुंग और उनकी टीम ने दो दशकों के कैंसर डायग्नोसिस और मृत्यु दर के आंकड़ों का अध्ययन किया। टीम ने 34 प्रकार के कैंसर के करीब 2 करोड़ 40 लाख मामले और 70 लाख से अधिक मौतों पर शोध किया, जिसमें एक चिंताजनक पैटर्न सामने आया।

चौंकाने वाले आंकड़े

अध्ययन से पता चला कि 1960 के बाद पैदा हुए लोग, खासकर 1990 के दशक में जन्मे लोगों में, 1950 के दशक में पैदा हुए लोगों की तुलना में पैंक्रियाटिक, किडनी और छोटी आंत के कैंसर (Cancer Risks) होने की संभावना दो से तीन गुना अधिक है। यह संकेत देता है कि युवा पीढ़ी को कैंसर के खतरे (Cancer Risks) में जीवनशैली और पर्यावरणीय बदलावों की बड़ी भूमिका है।

कैंसर के 5 आम प्रकार और बढ़ते खतरे के कारक 5 common types of cancer and factors that increase your risk

जनरेशन एक्स और मिलेनियल्स के बीच बढ़ते कैंसर (Cancer Risks) के मामलों को काफी हद तक जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों से जोड़ा जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक महामारी की तरह बढ़ता मोटापा है। अध्ययन में मोटापे और कुछ कैंसर, जैसे कोलोरेक्टल, ब्रेस्ट, और पैंक्रियाटिक कैंसर के बढ़ने के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया। सुस्त जीवनशैली और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन इस समस्या को और बढ़ा रहा है।

महिलाओं में बढ़ते शराब के सेवन का प्रभाव Effects of increased alcohol consumption in women

खासकर मिलेनियल महिलाओं में शराब का सेवन बढ़ने से लिवर और इसोफेगल कैंसर की संभावना बढ़ती है। वहीं, पुरुषों में एचआईवी इंफेक्शन के बढ़ने से कपोसी सारकोमा और गुदा कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।

एंटीबायोटिक दवाएं और पर्यावरणीय जोखिम Antibiotics and environmental exposure

जीवनशैली के अलावा, अध्ययन में अन्य संभावित कारणों की ओर भी इशारा किया गया है, जैसे एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग और पर्यावरणीय जोखिम। एंटीबायोटिक्स का अधिक उपयोग इंटेस्टाइनल माइक्रोबायोम को बाधित कर सकता है, जिससे कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा (Cancer Risks) बढ़ सकता है। भोजन, पानी, या हवा के माध्यम से कुछ रसायनों या एजेंटों के संपर्क में आने से भी कैंसर की दरें बढ़ सकती हैं।

कैंसर के खतरे को कम करने के उपाय Ways to reduce the risk of cancer

युवा पीढ़ी में कैंसर के खतरे (Cancer Risks) को कम करने के लिए कई स्तरों पर काम करना होगा। बेहतर पोषण के साथ बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि के माध्यम से मोटापे को कम करने और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को सीमित करने की पहल की जानी चाहिए। युवा पीढ़ी को अत्यधिक शराब के सेवन के खतरों, एचपीवी से संबंधित कैंसर को रोकने के लिए सुरक्षित यौन प्रथाओं के महत्व और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बारे में शिक्षित करने से भी कैंसर के खतरे (Cancer Risks) को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की इस नई स्टडी से यह स्पष्ट होता है कि 1990 के बाद जन्मे लोग पहले की पीढ़ियों की तुलना में कैंसर के बढ़ते जोखिम में हैं। इस खतरे से निपटने के लिए आवश्यक है कि जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों पर ध्यान दिया जाए, और युवा पीढ़ी को इस दिशा में शिक्षित किया जाए ताकि भविष्य में कैंसर के जोखिम (Cancer Risks) को कम किया जा सके।

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