टीचर के अजब प्रेम की गजब कहानी
मामला डिंडौरी का है जहां रहने वाले वार्ड-14 में बिरसा मुंडा स्टेडियम के पास टीचर ओमकार दास मोगरे का मकान है। ओमकार दास इमलई में सरकारी शिक्षक है। जिनकी शादी 25 साल पहले रुक्मणी नाम की महिला से हुई थी। रुक्मणी से ओमकार बेहद प्यार करते थे। दोनों की कोई संतान नहीं है जिसके कारण रुक्मणी और ओमकार दोनों ही एक दूसरे का सहारा थे। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था रुक्मणी को सिलकसेल नामक बीमारी हो गई। धीरे-धीरे बीमारी बढ़ती गई और तमाम प्रयासों के बावजूद मंगलवार की सुबह रुक्मणी की मौत हो गई। पत्नी की मौत का पति ओमकार को गहरा सदमा लगा वो बीवी की जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे लिहाजा उन्होंने हमेशा पत्नी को अपने पास रखने के लिए घर में पत्नी रुक्मणी की लाश को दफन कर लिया। परिवारवालों ने ओमकार को ऐसा करने से मना किया लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
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शव निकालने पहुंचा प्रशासन तो किया विरोध
टीचर ओमकार के पत्नी की लाश को घर में ही दफन करने की बात जैसे ही आसपास रहने वाले लोगों को पता चली तो वो दहशत में आ गए और तुरंत पुलिस को जानकारी दी। लेकिन जब पुलिस में सुनवाई नहीं हुई तो रहवासी कलेक्टर के पास पहुंचे और पूरी बात बताई। कलेक्टर के संज्ञान में मामला आने के बाद प्रशासनिक अमला टीचर ओमकार के घर पहुंचा। जहां पहले तो ओमकार ने पत्नी के शव को निकालने का विरोध किया और अमले से कहा कि मैं दानव और मानव दोनों को समान समझता हूं और मैं पत्नी के बिना घर में अकेले नहीं रह सकता। हालांकि बाद में प्रशासनिक अमले ने किसी तरह घर में दफन शव को निकाला और उसे रीति रिवाज के साथ नर्मदा किनारे ले जाकर दफन कराया।