कितने वोटर
डिंडौरी जिले की स्थापना 25 मई 1998 में की गई थी और इसमें 924 गांवों को शामिल किया गया था। 2018 के विधानसभा चुनाव के डिंडौरी सीट के चुनाव परिणाम की बात करें तो, यहां पर 8 उम्मीदवारों ने चुनौती पेश की थी। लेकिन यहां मुकाबला त्रिकोणीय रहा। कांग्रेस के ओमकार सिंह मरकाम को चुनाव में 85,039 वोट मिले तो बीजेपी के जय सिंह मारावी के खाते में 52,989 वोट आए थे। गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी के गंगा सिंह पट्टा तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 28,274 वोट मिले थे। ओमकार सिंह मरकाम ने यह चुनावी मुकाबला 32,050 मतों के अंतर से जीता था। गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी की मजबूती के कारण बीजेपी को यहां हार का सामना करना पड़ा।
राजनीतिक इतिहास
डिंडौरी विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यह सीट अब कांग्रेस के लिए मजबूत किला बनती जा रही है। 1990 के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से पहली बार जीत हासिल की थी। लेकिन 1993 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर से इसे अपने कब्जे में ले लिया। 1990 के बाद 1998 में बीजेपी के जाहर सिंह जीते। 2003 में बीजेपी ने यह सीट अपने पास रखी। लेकिन इसके बाद बीजेपी फिर यहां कभी नहीं जीत सकी। 2008 के चुनाव में ओमकार सिंह मरकाम ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए जीत हासिल की। वह फिर 2013 में भी चुने गए। मरकाम की जीत का सिलसिला 2018 के चुनाव में भी जारी रहा। इस बार उन्होंने चुनावी जीत की शानदार हैट्रिक लगाई।