मसल्स फाइबर की ग्रोथ
यूएस स्थित विटामिन डी काउंसिल के संस्थापक एवं साकिएट्रिस्ट डॉ. जॉन कैनल कहते हैं, ‘शोधपत्रों से पता चलता है कि गर्मियों में एथलीटों के परफॉर्मेंस सर्दियों की तुलना में काफी बेहतर होते हैं। विटामिन डी मसल्स फाइबर की ग्रोथ को स्टीमुलेट करता है। रक्त में इसके उच्च स्तर से संतुलन और प्रतिक्रिया की टाइमिंग भी इम्प्रूव होती है।’
बीमारियों से सुरक्षा
वैज्ञानिकों को कई ऐसे प्रमाण मिले रहे हैं कि विटामिन डी के उच्च स्तर की मौजूदगी से जीवन में आगे चलकर डायबिटीज (diabetes) और हार्ट डिजीज (heart disease) जैसी जानलेवा बीमारियों से काफी हद तक सुरक्षा मिल सकती है। बीते साल टाइप-2 डायबिटीज (type 2 diabetes) के 90 मरीजों पर किए गए एक खास अध्ययन के अनुसार विटामिन डी वाला योगर्ट पीने वाले मरीजों में ब्लड शूगर व वजन सामान्य योगर्ट पीने वाले लोगों की तुलना में जल्दी कंट्रोल हुआ।
कहां मिलेगा विटामिन डी
वैसे तो सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का आदर्श स्रोत है, लेकिन भारत में कुपोषण एवं सूर्य की रोशनी में पर्याप्त एक्जपोजर न होने से लोगों में इसकी कमी हो रही है। नियमित रूप से इसकी रेकमंडेड डोज लेने (10 से 20 माइक्रोग्राम) के लिए भोजन में दही (Curd), चीज (cheese), मछली (fish), अंडे (eggs), मशरूम (mushroom) और फोर्टीफाइड अनाज शामिल करने चाहिए।
दर्द से राहत
एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि विटामिन डी के अच्छे स्तर से धमनियों में कड़ापन आने की आशंका कम हो जाती है, जिससे हृदय रोग की संभावना घटती है।