विटामिन डी की कमी ( vitamin D deficiency in hindi ) के कारण आपको लाल, सूखी और खुजली वाली त्वचा का अनुभव हो सकता है। विटामिन डी का सेवन आपको त्वचा की ऐसी समस्याओं के इलाज में मदद कर सकता है। यह त्वचा पर चकत्ते भी कम कर सकता है। विटामिन डी एक्जिमा के उपचार के लिए भी फायदेमंद है । आमतौर पर देखा गया है कि एक्जिमा वाले लोगों में विटामिन डी का स्तर कम होता है।
कम विटामिन डी का सेवन लगातार ब्रेकआउट में योगदान कर सकता है। विटामिन डी के एंटीऑक्सीडेंट गुण ( vitamin d antioxidant ) भी मुँहासे को रोकने में मदद करते हैं। विटामिन डी के निम्न स्तर के कारण हार्मोन में परिवर्तन भी मुँहासे के विकास को जन्म दे सकता है।
विटामिन डी का निम्न स्तर ( vitamin D deficiency ) आपकी त्वचा की उम्र को तेजी से बढ़ा सकता है। आप उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षणों को देख सकते हैं। विटामिन डी की कमी से शरीर समय से पहले ही बूढ़ा हाेने लगता है। उम्र बढ़ने से आपके शरीर में विटामिन डी के उत्पादन की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
– हड्डियों का खराब होना
– घावों का धीमा उपचार
– लगातार थकान और थकान
– बाल झड़ना
– बहुत बार बीमार होना
– डिप्रेशन
– मांसपेशियों में दर्द
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कि सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। विटामिन डी के कुछ सबसे अच्छे खाद्य स्रोत हैं ( vitamin d sources in hindi ) – संतरे का रस, दलिया, अनाज, सोया दूध, गाय का दूध, सामन, मशरूम और अंडे की जर्दी।इसलिए विटामिन डी की पूर्ति के लिए इन्हें अपनी डाइट में शामिल करने के साथ नियमित रूप से सूरज की राेशनी लेना शुरू करें।