इन्हें पड़ती विटामिन बी की जरूरत Vitamin B Deficiency : They need vitamin B
बुजुर्ग : उम्र के साथ शरीर की विटामिन्स को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है। गर्भवती महिलाएं : Vitamin B9 (फोलिक एसिड) गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए जरूरी है। गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड की उचित मात्रा सुनिश्चित करनी चाहिए। शाकाहारी लोग : विटामिन बी12 (Vitamin b12) मुख्य रूप से पशु उत्पादों में पाया जाता है। इसलिए शाकाहारी लोगों को इस विटामिन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। मनोरोग पीड़ित : तनाव, अवसाद जैसी समस्याओं के लिए विटामिन बी6 (Vitamin B6) और बी12 अहम होते हैं।
Vitamin B Deficiency
यह है विटामिन बी कॉम्प्लेक्स व उनकी कमी के लक्षण This is vitamin B Deficiency and the symptoms of its deficiency
विटामिन बी1 (थायमिन) : Vitamin B1 (Thiamine)
कमी के लक्षण : थकावट, कमजोरी, हाथ-पैरों में झनझनाहट
विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) : Vitamin B2 (Riboflavin)
क्यों आवश्यक :ऊर्जा, त्वचा, आंखों और मुंह में छाले और गले में सूजन लिवर के लिएकमी के लक्षण : आंखों में जलन, नाखूनों में दरारें
विटामिन बी3 (नियासिन) : Vitamin B3 (Niacin)
क्यों आवश्यक : पाचन तंत्र, त्वचा, तंत्रिका तंत्र के लिए भूख में कमीकमी के लक्षण : अवसाद व तनाव
विटामिन बी5 (पैंटोथेनिक एसिड) : Vitamin B5 (Pantothenic Acid)
क्यों आवश्यक : हार्मोन निर्माण, वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन मेटाबॉलिज्म के लिएकमी के लक्षण : मांसपेशियों में ऐंठन व दर्द
विटामिन बी6 (पायरीडॉक्सिन) : Vitamin B6 (Pyridoxine)
क्यों आवश्यक : अमीनो एसिड, मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्रकमी के लक्षण : एनीमिया
विटामिन बी7 (बायोटिन ) : Vitamin B7 (Biotin)
क्यों आवश्यक : त्वचा, बाल और नाखूनों के लिएकमी के लक्षण : बालों का झड़ना
विटामिन बी9 (फोलिक एसिड ) : Vitamin B9 (Folic Acid)
क्यों आवश्यक : कोशिका वृद्धि और डीएनए संश्लेषणकमी के लक्षण : एनीमिया, जन्मजात दोषों का होना।
विटामिन बी12 (कोबाल्मिन) : Vitamin B12 (cobalamin)
क्यों आवश्यक : लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और तंत्रिका तंत्र के लिएकमी के लक्षण : एनीमिया, हाथ-पैर में झनझनाहट, भूलने की बीमारी, संतुलन की समस्या यह भी पढ़ें- Vitamin B12 Deficiency : विटामिन B12 की कमी से बच्चे हो रहे गुस्सैल और चिड़चिड़े, जानिए कैसे करें बचाव
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।