क्यों होती है
फूड एलर्जी किसी खाद्य पदार्थ के प्रति शरीर की प्रतिशोध प्रतिक्रिया है जो काफी गंभीर होती है और कभी-कभी जानलेवा भी। इसके लक्षणों में शरीर पर लाल चकत्ते, खुजली और उल्टी की समस्या प्रमुख हैं। कई बार उल्टी होने पर लोग इसे फूड पॉइजनिंग भी मान लेते हैं इसलिए हर बार किसी एक ही चीज को खाने से आपको उल्टी हो तो इसे हल्के में ना लें और फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
इन उत्पादों से एलर्जी ज्यादा
एलर्जन खाने में मौजूद वे तत्व होते हैं जो एलर्जिक प्रतिक्रिया को बढ़ावा देते हैं। वैसे तो किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती है लेकिन गेहूं, राई, बाजरा, मछली, अंडे, मूंगफली, सोयाबीन, दूध से बने उत्पाद और सूखे मेवे जैसे कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से फूड एलर्जी ज्यादा होती है क्योंकि इनमें ग्लूटेन होता है।
टेस्ट से पता करें
यह समस्या होने पर डॉक्टरी सलाह से फूड एलर्जी टेस्ट कराना चाहिए। इसे किसी भी लैब में कराया जा सकता है जिसमें 3-6 हजार रुपए तक का खर्चा आता है। रिपोर्ट में पता चलने पर कि किस खाद्य पदार्थ से एलर्जी है, डॉक्टर आपको उससे परहेज करने के लिए कहते हैं। साथ ही आपको ऐसे अन्य खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह भी दी जाती है जिससे कि एलर्जिक फूड के पोषक तत्वों की भरपाई हो जाए।
पांच साल की उम्र तक परहेज
जिन बच्चों को दूध, अंडे, गेहूं और सोयाबीन से एलर्जी है अगर वह पांच साल की उम्र तक इन चीजों को ना खाएं तो बाद में यह समस्या खत्म हो सकती है। लेकिन मूंगफली, सूखे मेवे की एलर्जी सारी उम्र रहती है। जिन्हें लैक्टोज से एलर्जी है वह सोया मिल्क ले सकते हैं।
विशेषज्ञ की राय
अगर आपको फूड एलर्जी है तो उस चीज से बनी चीजों से भी पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। जैसे अगर आप रेस्तरां या किसी पार्टी में खाना खा रहे हैं और आपको पत्तागोभी से परहेज करना है तो पावभाजी, मंचूरियन, बर्गर, हॉट डॉग या मोमोज आदि खाने से परहेज करें। इस समस्या में मेडिसिन ट्रीटमेंट के बजाय बेहतर है कि आप एलर्जिक फूड से पूरी तरह से परहेज करें।