इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के स्पोर्ट्स फिजिशियन कोर्स के मुताबिक किसी भी खेल गतिविधि, एक्सरसाइज या ट्रेनिंग से पहले इस तरह की चोट को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
सुनाई आपबीती…
करीब 25 वर्ष से मैं रोजाना 10 किलोमीटर की वॉक करता था। कभी कोई समस्या नहीं आई। कुछ समय से शहर का एक नामी जिम जॉइन किया। मुझे ट्रेनर ने ट्रेड मिल पर खूब एक्सरसाइज करवाई। इसके बाद मुझे भारी परेशानी हो गई। मेरे कार्टिलेज ब्रेक हो गए। अब मेरी प्लाज्मा थैरेपी चल रही है। डॉक्टर 20-20 हजार रुपए के महंगे इंजेक्शन लगा रहे हैं। (जैसा शहर के एक नामी जिम जाने वाले व्यक्ति ने बताया)
फिजियोथैरेपिस्ट होना चाहिए, कई जगह सिर्फ निर्देश देने वाले
किसी व्यक्ति को पहले से चोट है या ऑर्थराइटिस की कोई दिक्कत है तो बिना जांच करवाए जिम या एक्सरसाइज से उसकी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए जिम जाने से पहले चैकअप जरूरी है। हमारे पास तो रोजाना ही इस तरह के मामले आते हैं। फिटनेस टेस्ट करवाने से व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार एक्सरसाइज की अवधि और तरीका तय कर सकता है। कुछ जिम में फिजियोथैरेपिस्ट नहीं होते, बल्कि सिर्फ निर्देश देने वाले होते हैं, जिन्हें पूरी जानकारी नहीं होती। स्पोर्ट्स फिजिशियन कोर्स के मुताबिक प्री चैकअप से इस तरह का खतरा 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। डॉ.आशीष शर्मा, हड्डी रोग विशेषज्ञ, स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ लिगामेंट में दिक्कत : 40 वर्ष आयु के व्यक्ति से जिम में अत्यधिक वजन उठवाया गया। उन्होंने शहर का नामी जिम जॉइन किया था। कई मशीनों के जरिए उन्होंने वहां एक्सरसाइज किए। कुछ ही दिन में उन्हें लिगामेंट की दिक्कत शुरू हो गई। उन्होंने राज्य से बाहर जाकर प्लाज्मा रिच प्लेटलेट पीआरपी करवाई है।