फायदे हैं कई
इसे पीने से मेटाबॉलिज्म दर (पाचन ऊर्जा) बढ़ती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर को गर्म रखता है।
इतनी लें मात्रा
स्वाद के चक्कर में आप इसे जरूरत से ज्यादा न लें। इसकी सिर्फ एक गिलास मात्रा ही पर्याप्त होती है जो कि हमारे एक समय के खाने के बराबर होती है।
इन रोगों में लाभकारी
हड्डियों के रोग, रतौंधी और जोड़ों के दर्द में सबसे अधिक फायदा करता है।
परहेज करें
जिन लोगों को हृदय संबंधी रोग, पेट की समस्या, मोटापा या डायबिटीज हो वे इस दूध को न पिएं। डायबिटीज के मरीज अगर इसे पीना चाहते हैं तो इसे कम मात्रा में बिना चीनी के ही पिएं।
गर्भावस्था में उपयोगी
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार कुल्हड़ वाला दूध पीने से गर्भवती महिलाओं और उनकी होने वाली संतान को सबसे ज्यादा लाभ होता है। गर्भस्थ शिशु की हड्डियां, नाखून और दिमाग मजबूत होते हैं। गर्भवती महिलाओं को तीसरे माह के बाद कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है, ऐसे में यह दूध काफी उपयोगी होता है क्योंकि कुल्हड़ मिट्टी से बनता है जिसमें कैल्शियम के तत्व होते हैं।
घर पर बनाएं
जितना भी दूध आप प्रयोग में ले रहे हैं, उसे एक कढ़ाई में डाल लें। फिर इसे तीन चौथाई होने तक काढ़ते रहें और इसी दौरान इसमें ड्राईफू्रट्स, इलायची और चीनी स्वादानुसार डाल दें।
कुल्हड़ का लाभ
स्टील के गिलास में पीने से दूध के पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है इसलिए कुल्हड़ में दूध पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। कुल्हड़ मिट्टी से बनता है और जब हम इसमें दूध पीते हैं तो शरीर को कैल्शियम तत्व की पूर्ति होती है।
यह है खास
इसे बनाने के लिए पैक्ड की बजाय गाय का ताजा दूध इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह आसानी से पच जाता है और तुरंत एनर्जी देता है।