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राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस 2023 की थीम “सेलिब्रेटिंग रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स” है। यह थीम कठिन समय के दौरान, विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान, डॉक्टरों की निरंतर प्रतिबद्धता और लचीलेपन को पहचानती है। इस मौके पर आज हम भारत के द्वारा विश्व को दिए शीर्ष 5 चिकित्सा योगदान के बारे में बताएंगे। जैसा की हम जानते हैं भारत में चिकित्सा पद्धतियों की एक लंबी परंपरा है जिसने विश्व में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहां दुनिया में भारत के शीर्ष 5 चिकित्सा योगदान हैं-
1. आयुर्वेद: आयुर्वेद एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली है जिसका अभ्यास 5,000 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है। यह प्राकृतिक उपचारों के उपयोग पर जोर देता है और मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन पर ध्यान केंद्रित करता है।
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2. योग: योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी शुरुआत प्राचीन भारत में हुई थी। इसने अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है, जिसमें तनाव और चिंता को कम करना, लचीलेपन में सुधार और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना शामिल है।
3. मोतियाबिंद सर्जरी: भारत ने मोतियाबिंद सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश ने नवोन्मेषी तरीके विकसित किए हैं जिससे मोतियाबिंद सर्जरी सुरक्षित और अधिक सुलभ हो गई है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
4. प्लास्टिक सर्जरी: भारत प्लास्टिक सर्जरी में अपनी प्रगति के लिए जाना जाता है, खासकर पुनर्निर्माण सर्जरी के क्षेत्र में। देश ने कई कुशल सर्जन पैदा किए हैं जिन्होंने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
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5. पारंपरिक चिकित्सा: भारत में पारंपरिक चिकित्सा की एक समृद्ध परंपरा है जिसमें सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी जैसी पद्धतियां शामिल हैं। इन प्रथाओं का उपयोग सदियों से किया जा रहा है और इसने लोकप्रियता हासिल की है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।