आंकड़े बताते हैं कि विश्वभर में हर साल 25 लाख लोग हृदय संबंधी रोगों से मौत के मुंह में समा रहे हैं। यह भारत के संदर्भ में बहुत ही प्रासंगिक है क्योंकि हम अपने खानपान को ज्यादा तरजीह देते हैं। इसी साल वल्र्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा आयोजित वल्र्ड कांग्रेस ऑफ कार्डियोलॉजी में नमक के ज्यादा प्रयोग से दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। ये आंकड़े बताते हैं कि हर साल हृदय की बीमारियों से मरने वाले 1.73 करोड़ में से आधे यानी 94 लाख लोग (५४ फीसदी) उच्च तनाव से पीडि़त थे।
थायरॉइड हार्मोन को नियंत्रित रखने के लिए करें ये आयुर्वेदिक इलाज
हाल ही 187 देशों की जनसंख्याओं पर किए गए अध्ययन से पता चला कि 17 लाख मृत्यु भोजन में ज्यादा नमक के कारण हुईं। भारत इन्हीं देशों में से एक है, जहां पर नमक का खाने में उपयोग ज्यादा हो रहा है। यह स्थिति दोहरी चिंता का विषय है क्योंकि भारत में टाइप-2 के मधुमेह रोगी हैं जो अपने खाने में ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं और उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा दोगुना होता है।
वजन कम करने के लिए इस बेहद आसान और घरेलु उपाय को जरूर आजमाएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञ 1970 से नमक के कम उपयोग पर जोर देते आ रहे हैं, लेकिन इस दिशा में खास तरक्की नहीं हुई है। खतरे की घंटी बजने के कारण इन दिनों कई देश इसे सख्ती से लागू करने पर विचार कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने 2013 में कानून पास कर ब्रेड और दूसरे प्रसंस्कृति खाद्यान्नों के लिए नमक की अधिकतम मात्रा तय कर दी है। सरकार ने इसे 2020 तक प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
भारत जैसे देश में जहां हमारी संस्कृति अचार, पापड़ जैसे तैलीय खाद्य पदार्थों पर ज्यादा टिकी है। ऐसे में हमें खाद्यपदार्थों के प्रति ज्यादा सख्त और सावधान होना पड़ेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हर चार में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप से पीडि़त है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि यह समस्या भारत में कितनी विकराल है। आदर्श रूप से एक वयस्क को रोजाना पांच ग्राम से ज्यादा नमक प्रति दिन नहीं खाना चाहिए।
बीमारियों से लडऩे की ताकत देता है जिंक, इन चीजों का करें सेवन