नाश्ता करना एक महत्वपूर्ण आदत है जो हमारे दिन की शुरुआत को स्वास्थ्यपूर्ण बनाती है। नाश्ता करने से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह हमारी मेटाबोलिज्म को भी बढ़ावा देता है। सही प्रकार के नाश्ते में प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट्स, फल और सब्जियाँ शामिल होनी चाहिए। नियमित नाश्ता करने से भूख काबू में रहती है और खाने की अवश्यकता नहीं होती, जिससे बाकी दिन के भोजन में संतुलितता बनी रहती है।
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Importance of lunch दोपहर के भोजन का महत्व
दोपहर का भोजन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि नाश्ता। यह वक्त होता है जब शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है ताकि वह दिन भर की गतिविधियों को सही तरीके से पूरा कर सके। दोपहर के भोजन में भी प्रोटीन, पुल्स्स, सब्जियाँ और सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स शामिल होने चाहिए।
दिन भर कुछ न कुछ खाते रहने से बचें. जितना संभव हो तय समय पर ही लंच करें. कई रिसर्च के मुताबिक, Meal Frequency का संबंध वेट लॉस, हार्ट हेल्थ और डायबिटीज से है। अब सवाल यह उठता है कि नाश्ता और दोपहर के भोजन के बीच कितने घंटे का अंतर होना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, नाश्ते के बाद से दोपहर के भोजन तक कम से कम 3-4 घंटे का अंतर होना चाहिए। यह शरीर को पहले खाने को पूरी तरह से पाचने का समय देता है और दोपहर के भोजन में उचित पोषण को अवश्य मिलने का सुनिश्चित करता है।
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रिसर्च के मुताबिक, जो लोग दिनभर कम या न खाकर रात के डिनर में अपना सारा खाना खाने की कोशिश करते हैं, उनका कैलोरी इनटेक ज्यादा होता है. इसलिए लंच को स्किप न ही करें. इससे वजन बढ़ने के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी कई दूसरी समस्याएं भी हो सकती हैं.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए नाश्ता और दोपहर के भोजन के बीच का सही समय बहुत महत्वपूर्ण है। कम से कम 3-4 घंटे का अंतर रखने से आपके शरीर को पूरी तरह से पाचन करने और उचित पोषण प्राप्त करने का अवसर मिलता है। याद रखें कि प्रत्येक व्यक्ति का शारीर अलग होता है, इसलिए आपके खुद के शारीर की सुनिश्चित आवश्यकताओं के आधार पर आपको नाश्ता और दोपहर के भोजन के बीच का सही अंतर तय करना चाहिए।