कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसका बढ़ना क्यों चिंताजनक है मोटापा और कोलेस्ट्रॉल एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए मोटे लोगों मे कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत ज्यादा होती है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि पतले लोग कोलेस्ट्रॉल रोगी नहीं हो सकते। खानपान की गलत आदतें और एक्सरसाइज न करना इस बीमारी को जन्म देता है। कोलेस्ट्राल असल में खून की नसों में जमने वाला एक मोम की तरह पदार्थ होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है। अगर ये ज्यादा होने लगे तो नसों में ब्लॉकेज होती है और इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
मोटे और कोलेस्ट्राल ग्रस्त लोगों के लिए कैसा होना चाहिए ऑयल तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट (MUFAs) और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट (PUFAs) होना चाहिए। ये एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। तो चलिए जानते हैं कि किन-किन तेलों में ये गुण होता है और उन्हें कैसे इस्तेमाल करना चाहिए।
राइस ब्रान ऑयल
राइस ब्रान तेल में 44% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 34% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 450 °F होता है। इस तेल को हाई फ्लेम पर भी गर्म किया जा सकता है, लेकिन मीडियम फ्लेम पर इसका यूज बेस्ट होता है।
सोयाबीन तेल
सोयाबीन तेल में 25% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 60% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 450°F है। यह तेल डीप फ्राई के लिए सही माना जाता है।
अलसी का तेल
अलसी के तेल में 65% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 28% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 225°F होता है, इसलिए ये अच्छा तेल माना जाता है। इस तेल को बहुत गर्म किए ही आप खाना बना सकते हैं। इसे आप सलाद ड्रेसिंग, डिप्स, मैरिनेड और स्मूदी आदि में शामिल कर सकते हैं।
जैतून का तेल
जैतून के तेल में 78% मोनोअनसैचुरेटेड फैट 8% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 320°F-400°F है। इस तेल को मध्यम-उच्च आंच पर गर्म कर खाना पकाया जा सकता है। वहीं वर्जिन ऑलिव ऑयल को केवल मध्यम या बेहद कम आंच पर भी यूज किया जा सकता है।
तिल का तेल
इस तेल में 41% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 44% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 350°F-450°F होता है। तिल का तेल हीट-फ्राइंग और डीप फ्राइंग जैसे उच्च-गर्मी वाले व्यंजनों को संभाल सकता है।
राइस ब्रान तेल में 44% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 34% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 450 °F होता है। इस तेल को हाई फ्लेम पर भी गर्म किया जा सकता है, लेकिन मीडियम फ्लेम पर इसका यूज बेस्ट होता है।
सोयाबीन तेल
सोयाबीन तेल में 25% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 60% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 450°F है। यह तेल डीप फ्राई के लिए सही माना जाता है।
अलसी का तेल
अलसी के तेल में 65% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 28% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 225°F होता है, इसलिए ये अच्छा तेल माना जाता है। इस तेल को बहुत गर्म किए ही आप खाना बना सकते हैं। इसे आप सलाद ड्रेसिंग, डिप्स, मैरिनेड और स्मूदी आदि में शामिल कर सकते हैं।
जैतून का तेल
जैतून के तेल में 78% मोनोअनसैचुरेटेड फैट 8% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 320°F-400°F है। इस तेल को मध्यम-उच्च आंच पर गर्म कर खाना पकाया जा सकता है। वहीं वर्जिन ऑलिव ऑयल को केवल मध्यम या बेहद कम आंच पर भी यूज किया जा सकता है।
तिल का तेल
इस तेल में 41% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 44% पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है। इसका स्मोक पॉइंट 350°F-450°F होता है। तिल का तेल हीट-फ्राइंग और डीप फ्राइंग जैसे उच्च-गर्मी वाले व्यंजनों को संभाल सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)