शहर के ऐतिहासिक तीर्थस्थल मचकुंड सरोवर में अव्यवस्था की नजर लग गई है। देखरेख करने वालों का ध्यान नहीं है। 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे परिसर में 21 हजार दीप प्रज्जवलित करने की योजना है। लेकिन यहां के सरोवर में गंदगी होने के कारण दुर्गंध उठ रही है। ऐसा न हो नगर परिषद की साफ-सफाई व्यवस्था फेल होने के कारण लोगों का जाना कम हो गया है। सरोवर में शाम होने ही लाइटों से खिल जाता था। लेकिन लाइटें अपनी रोशनी ही छोड़ गई। कोई देखरेख करने वाला ही नहीं है। सरोवर में नगर परिषद ने सरोवर में लाइटिंग के लिए 7 बोटिंग सतरंगी लाइटों की व्यवस्था की थी। लेकिन पांच महीनें से बोट की रफ्तार की धारा ही नहीं बह सकी। सरोवर का पानी गंदा होने से लोगों का जाना कम हो गया है। लाड़ली जगमोहन मंदिर के महंत कृष्ण दास ने बताया कि कई बार साफ-सफाई को लेकर अवगत करा चुके हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है। जिससे दुर्गंध उठ रही है।
पहले ठेका पर सफाई, अब कागजों में सफाई मचकुण्ड परिसर में साफ-सफाई के लिए पहले ठेका की व्यवस्था थी। तो यहां पर सफाई कर्मचारी भी ज्यादा थे। लेकिन अब नगर परिषद ने ठेका प्रणाली को समाप्त करके यहां पर 6 सफाई कर्मचारियों को लगा रखा है। जिसमें 4 कर्मचारी परिसर को साफ करेंगे और 2 कर्मचारी सरोवर के पानी की साफ-सफाई के लिए लगाए गए थे। लेकिन यहां की सफाई सिर्फ कागजों में चल रही है। हकीकत में तो यहां पर दुर्गंध उठ रही है। जिम्मेदारों की लापरवाहीं के कारण दुर्दशा बिगड़ती जा रही है।
मचकुण्ड परिसर में साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर परिषद को दे रखी है। परिसर में सफाई क्यों नहीं हो रही है। इसकी जानकारी करके सफाई के निर्देश देंगे। – कृष्ण खंडेलवाल, सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग भरतपुर