धौलपुर. शहर में नियमों की अनदेखी कर बैंकों का संचालन किया जा रहा है। जिनके पास पार्किंग की सुविधा ना होने के कारण ग्राहक मजबूरन वाहनों को सडक़ पर ही खड़े कर रहे हैं। जिस कारण पहले से ही जाम की समस्या से जूझ रहे शहर के लिए यह बैंकें कोढ़ में खाज साबित हो रही हैं। अव्यवस्था का यह आलम है कि जहां यह बैंकें संचालित हो रही हैं। वहां आए दिन जाम लगा रहता है। बावजूद इसके जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं और आम लोग परेशानी झेलने को मजबूर हैं।शहर के मुख्य बाजारों में संचालित होने वाले दो दर्जन छोटे-बड़े बैंक शाखाएं यातायात असुविधा को बढ़ावा दे रहे हैं। जिनके पास पार्किंग के नाम पर कुछ नहीं है। जबकि नियमों के हिसाब से जहां बैंक का संचालन किया जाता है वहां बैंक के ग्राहकों के लिए प्रबंधन को पार्किंग की सुविधा करना अनिवार्य होता है। लेकिन इन बैंक शाखाओं के पास पार्किंग नहीं होने से यहां आने ग्राहक अपने वाहन सडक़ पर ही खड़े कर देते हैं। इस कारण पहले से ही संकरी सडक़ और सिमट जाती है। जिससे वाहनों और राहगीरों के लिए निकलने तक के लिए जगह नहीं बच पाती। जिससे आए दिन इन क्षेत्रों में आवागमन अवरुद्ध हो रहा है। इससे हर रोज लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं यातायात पुलिस को इस बात की जानकारी होने के बाद अनजान बनी हुई है। ऐसे में मुख्य मार्गों पर ही घंटों जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है।
डाकखाना चौराहा, कचहरी मोड़ हर जगह बैंकों की अवैध पार्किंग नेशनल हाइवे 44 स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में पार्किंग का अभाव होने के कारण यहां आने वाले ग्राहक अपने वाहन आड़े-तिरछे सडक़ पर ही पार्क कर देते हैं। और घंटों के लिए अपने कार्य के चलते बैंकों में घुस जाते हैं। जिस कारण आवागमन अवरुद्ध रहता है। यहां लगभग 300 ग्राहक प्रतिदिन आते हें। तो वहीं डाकखाना चौराहा स्थित एसबीआई ओर एचडीएफसी बैंक की शाखाएं बगैर पार्किंग के धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। शहर के व्यस्ततम क्षेत्र में संचालित होने वाली बैंक शाखाओं पर पार्किंग ना होने से आए दिन यहां जाम लगा रहता है। कचहरी स्थित एसबीआई की शाखा में भी पार्किंग के लिए कोई जगह आवंटित नहीं है। जिस कारण यहां भी ग्राहक वाहनों को बेतरतीब तरीके से पार्क कर देते हैं। स्टेशन रोड कचहरी मोड पर दो बैंकों का संचालन भी बगैर पार्किंग के हो रहा है। जिनमें केनरा और बैंक ऑफ बडौदा शामिल हैं। यहां भी पार्किंग ना होने से वाहन सडक़ पर ही पार्क हो रहे हैं। जिससे कचहरी आने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और कई बार यहां भी जाम की सी स्थिति निर्मित हो जाती है। मगर इतना होने के बावजूद बैंक प्रबंधन बैंकों का संचालन नियम विरुद्ध कर रहे हैं।
जिम्मेदार विभाग नहीं करता कार्रवाई यातायात विभाग आम लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने की सीख देता है। नियमों का उल्लंघन करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है। लेकिन, शहर में बगैर पार्किंग के संचालित होने वाली बैंक और उनकी शाखाओं पर जिम्मेदार अफसर कोई कार्रवाई नहीं करता। जिनके कारण आए दिन आम लोग जाम का शिकार बनते हुए शासन-प्रशासन को कोसते नजर आते हैं। शहर में ऐसे अवैध पार्किंगों की वजह से ही यातायात व्यवस्था भी सुदृढ़ नहीं हो पा रही। देखा जाए तो शहर कहीं भी वाहन पार्किंग के लिए कोई स्थान नहीं है।
क्या कहता है पार्किंग का नियम बैंक का संचालन करने के लिए शुरुआत में निविदा जारी की जाती है। जिसमें बैंक का पार्किंग एरिया भी मांगा जाता है। विकल्प न होने के कारण बिना पार्किंग वाले स्थल का चुनाव कर बैंकों का संचालन शुरू कर दिया जाता है। यही स्थिति शहर के अधिकांश बैंकों और शाखाओं के संचालन में दिखी। हाल यह है कि बैंक के जनरेटर भी बाहर अनाधिकृत रूप से रखे रहते हैं।
बैंकों का संचालन करने के लिए नियमानुसार पार्किंग जरूरी होती है। लेकिन शहर में संचालित होने वाली बैंकें बगैर पार्किंग के ही संचालित हो रही हैं। जिससे उनके यहां आने वाले ग्राहक वाहन सडक़ पर ही खड़ा कर देते हैं और मुख्य मार्गों पर जाम लगा रहता है।
-अतुल भार्गव, वरिष्ठ अधिवक्ता