– अभी फसलों को हुए नुकसान का आंकलन है बाकी नितिन भाल #Chambal floods news: धौलपुर. कहते हैं कि कभी-कभी पड़ोसी के घर आए मेहमान का खर्चा हमें उठाना पड़ जाता है। ऐसा ही कुछ हाल धौलपुर जिले के साथ हुआ है। अन्य जिलों में भारी बारिश से चंबल में पानी की आवक तेज हुई। चंबल से आई बाढ़ से धौलपुर जिले को करीब साढ़े आठ करोड़ का फटका लगा है। इसमें फसलों को हुआ नुकसान शामिल नहीं है। ऐसे में नुकसान का आंकड़ा और बढ़ जाएगा। फिलहाल जिले में सार्वजनिक संपत्तियों को करीब साढ़े पांच करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं, चंबल किनारे बसे लोगों को घरों में टूट-फूट, पशुबाड़ों में नुकसान और घरेलू सामान का करीब सवा तीन करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जिला कलक्टर की ओर से बाढ़ राहत के लिए सरकार को भिजवाए प्रस्तावों में यही आंकड़ा निकल कर सामने आया है। बता दें, कोटा बैराज के गेट खोले जाने और कालीसिंध व परवन नदियों में पानी की अधिक आवक से चंबल का जलस्तर यकायक बढ़ गया था। 25 अगस्त को यह अपने उच्चतम स्तर 146.5 मीटर के आंकड़े को छू गया। ऐसे में धौलपुर, राजाखेड़ा, सरमथुरा और बाड़ी क्षेत्र के करीब सवा सौ गांव जलमग्न हो गए थे।लोगों को सर्वाधिक नुकसान राजाखेड़ा मेंबाढ़ के कारण लोगों को सर्वाधिक नुकसान राजाखेड़ा क्षेत्र में हुआ है। यहां से सार्वजनिक संपत्ति और लोगों को हुए नुकसान के करीब साढ़े पांच करोड़ के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए हैं। बाड़ी में सबसे कम नुकसानजिला प्रशासन की ओर से सरकार को भेजे प्रस्ताव के अनुसार सबसे कम नुकसान बाड़ी क्षेत्र में हुआ है। यहां से जिला प्रशासन ने लोगों और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान का करीब साढ़े 82 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा है।विभागों में सर्वाधिक नुकसान पीडब्ल्यूडी कोसरकारी विभागों में सबसे ज्यादा नुकसान सार्वजनिक निर्माण विभाग को हुआ है। बाढ़ के कारण जगह-जगह सडक़ें तबाह हो गई हैं। पीडब्ल्यूडी को बाड़ी ब्लॉक में 21.18 लाख, धौलपुर ब्लॉक में 67.59 लाख और राजाखेड़ा ब्लॉक में 31.39 लाख का नुकसान हुआ है।किसानों को करीब सौ करोड़ का नुकसानइस बार खरीफ की अच्छी फसल उत्पादन का सपना देख रहे किसानों की उम्मीदों पर बाढ़ ने पानी फेर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार हैक्टेयर में फसल खराब हुई हैं। किसानों ने बताया कि खरीफ की फसल में एक बीघा खेत में लगभग 5 से 7 हजार रुपए खर्च आता है। एक हेक्टेयर में करीब चार बीघा होते हैं। ऐसे में अनुमान है कि जिले में चंबल की बाढ़ से किसानों को करीब सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि जिले में बाढ़ से बर्बाद हुए फसलों में से आधी ही बीमित थीं। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।नहीं हुई जनहानि व पशुहानिचंबल में आई बाढ़ से जिले में कोई भी जनहानि या पशुहानि नहीं हुई है। चंबल में जलस्तर बढऩे की पूर्व चेतावनी मिलते ही प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई कर किनारे बसे गांवों को खाली करा लिया गया था। करीब दस हजार लोगों को विस्थापित किया गया। पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। हालांकि, पशुओं का चारा बह जाने या पानी से नष्ट हो जाने के कारण पशुपालकों को खासी परेशानी हो रही है।टेबल 1…जिले में ब्लॉकवार सार्वजनिक संपत्ति को नुकसानब्लॉक नुकसान (लाख में)सरमथुरा 24.30बाड़ी 76.08धौलपुर 126.3राजाखेड़ा 301.94कुल 5 करोड़ 28 लाख 62 हजार रुपएटेबल 2…. जिले में कच्चे-पक्के मकानों, झोपड़ी व पशुबाड़ा में नुकसान ब्लॉक नुकसान (रुपए में)धौलपुर 2599400बाड़ी 593300राजाखेड़ा 15858300सरमथुरा 2121600कुल 2 करोड़ 11 लाख 72 हजार 600 रुपएटेबल 3…. जिले में घरेलू सामान, कपड़े आदि में नुकसान ब्लॉक नुकसान (रुपए में)धौलपुर 1073000बाड़ी 67800राजाखेड़ा 8227000सरमथुरा 1349400कुल 1 करोड़ 07 लाख 17 हजार 200 रुपएइनका कहना हैचंबल में आई बाढ़ के बाद कराए गए सर्वे के मुताबिक जिले में सार्वजनिक संपत्ति को करीब साढ़े पांच करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, धौलपुर, राजाखेड़ा, सरमथुरा और बाड़ी में लोगों व्यक्तिगत रूप से करीब सवा तीन करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। प्रस्ताव सरकार को भिजवा दिए गए हैं।- सुदर्शन सिंह तोमर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, धौलपुर