समिति में राजनैतिक, सामाजिक सहित 15 प्रतिनिधियों को शामिल किया गया। बैठक में राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण अन्तर्गत एनटीसीए ने 2023 में मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने अक्टूबर 2023 में अधिसूचना करने पर विस्तार से चर्चा की। ग्रामीणों ने टाइगर रिजर्व बनने से लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव को लेकर विचार व्यक्त किए। लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र को राज्य में सर्वाधिक पिछड़े क्षेत्र की श्रेणी में माना जाता है। रोजगार के अभाव में लोग खेती व पशुपालन के माध्यम से गरीबी में जीवन यापन करते हैं। अधिकांश लोग खेतिहार तथा खनन मजदूर के रूप में काम कर अपनी आजीविका अर्जित करते हैं, जबकि भूमि पर सैकड़ों वर्षों से काबिज होने के बावजूद ना तो पट्टे जारी किए गए हैं और ना ही वन उत्पादों पर उनका कोई नियंत्रण है। लोगों का मानना है कि अभ्यारण्य में भूमि का अधिग्रहण होने के बाद सब कुछ छिनने का अंदेशा है।
बैठक में जगदीश रावत कांसोटी खेड़ा ने वन अधिनियम 1894, 1952, वन अधिकार अधिनियम, 1927 और वन अधिकार अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में करणपुर से हरिसिंह बामेडा, मोहन मीना प्रीतिपुरा, अमरीश मीना, लखन मीना खिड़खिड़ा आदि ने धौलपुर के आदिवासी एवं सर्वसमाज के लोगों के साथ करौली जिले के लोगों ने भी विरोध दर्ज कराया। इस दौरान सर्वसमाज के लोगों ने एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर अजय सिंह, चरत मीना, मेवा राम मथारा, राजकुमार सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।