पत्रिका संवाददाता ने गुरुवार को राजाखेड़ा बाइपास कॉलोनी में पहुंचकर जानकारी जुटाई तो यहां आसपास कई ई-लाइब्रेरी बेसमेंट में संचालित मिलीं। सभी के बाहर प्रचार-प्रसार के बोर्ड लटक रहे थे। आइएएस, आइपीएस के साथ अन्य प्रशासनिक पदों की तैयारी को लेकर अलग-अलग प्रकार की बातें लिखीं थीं। राजाखेड़ा बाइपास स्थित एक ई-लाइब्रेरी के माध्यम से हकीकत देखने का प्रयास किया तो स्थिति चौंकाने वाली मिली। एक मात्र प्रवेश द्वार ही था। अंदर छोटे-छोटे लगभग 65 केबिन बने हुए थे। सभी इतने ज्यादा संकरे थे कि दो कुर्सियों के बीच निकलने का रास्ता भी नहीं था।
सकरे स्थान पर युवक-युवतियां पढ़ाई कर रहे थे। पूछताछ करने पर युवक ने बताया कि 16 घंटे संचालन होता है। सिर्फ प्रतियोगी परीक्षा वालों को ही प्रवेश दिया जाता है। वाइफाइ के साथ बैठने की सुविधा दी जाती है जिसके बदले में फीस ली जाती है। यही स्थिति अन्य लाइब्रेरी की भी रही। हालांकि युवक अपना नाम बताने को तैयार नहीं हुआ। स्थिति देखने के बाद शिक्षा विभाग कार्यालय से जब इनकी जानकारी की तो बताया गया कि जिले में ई-लाइब्रेरी से संबंधित कोई नियमावली ही नहीं है। जो भी संचालित हो रही हैं, सभी अवैध हैं। स्थिति यह है कि जानने के बावजूद शिक्षा विभाग के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं कराई गई।
कमाई लाखों रुपए में
शहर में लगभग 22 ई-लाइब्रेरी संचालित हैं। प्रत्येक में लगभग 65 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। इस अनुसार इनकी संख्या 1320 हो जाती है। प्रत्येक में 600 रुपए एक महीने की फीस ली जा रही है। इस आधार पर प्रतिमाह सात लाख रुपए सिर्फ फीस से ही आय अर्जित हो रही है। यह है कि नियम
यदि कोई व्यक्ति अपनी दुकान के बाहर प्रतियोगी परीक्षा आदि से संबंधित प्रचार-प्रसार की सामग्री लगाते हैं तो वह व्यावसायिक कार्य में आता है। जिसका पंजीकरण अनिवार्य है। ई-लाइब्रेरी को मानकों के नियमों को उड़ाकर संचालित की जा रही हैं और मुख्यालय के अफसर चुप हैं।
अभी चार दिन पहले मैने कार्यभार संभाला है। जल्द ही बेसमेंट में संचालित ई-लाइब्रेरी की जांच करके आगे की कार्रवाई करते है। जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित करेंगे। सुक्खो देवी रावत, जिला शिक्षा अधिकारी धौलपुर
मुख्यमंत्री का आदेश भी किया अनदेखा
मुख्यमंत्री
भजनलाल शर्मा ने बेसमेंट में संचालित सभी संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई व जांच के आदेश दिए थे। जिले में आदेश के दो दिन बीतने के बावजूद अधिकारियों की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। शहर में जिम्मेदारों ने तो चुप्पी साध ली है।