सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल सुरक्षा कारणों से मलिंगा को धौलपुर से भरतपुर शिफ्ट किया गया है। दरअसल, धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम कार्यालय पर सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी के साथ मारपीट करने के आरोपी पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर किया था।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि जेवीवीएनएल के AEN हर्षाधिपति वाल्मीकि की ओर से मार्च, 2022 में धौलपुर के बाड़ी थाने में पूर्व विधायक और BJP नेता
गिर्राज सिंह मलिंगा और उसके साथियों पर मारपीट करने सहित SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था। मामला तूल पकड़ने के बाद मई 2022 में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने जुलाई 2024 में उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी।
मलिंगा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उनकी जमानत खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पहले सरेंडर हों, उसके बाद ही इस केस में आगे की सुनवाई करेंगे।
अगली सुनवाई 13 दिसंबर को
बताते चलें कि मंलिगा के मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। इससे पहले, 8 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने धौलपुर के बाड़ी से पूर्व विधायक और BJP नेता गिर्राज सिंह मलिंगा को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था। मालूम हो कि गिर्राज सिंह मलिंगा को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
BJP के टिकट पर लड़ा चुनाव
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनावों में सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि के साथ पिटाई करने के कारण गिर्राज मलिंगा का टिकट काट दिया था। इसके बाद गिर्राज सिंह मलिंगा ने भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन की और बीजेपी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।