scriptभगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं प्राकृतिक चीजें, सावन में इन वस्तुओं का श्रृंगार और अर्पण देता है एक करोड़ कन्यादान का पुण्यफल | Why do offer natural things to Lord Shiva Offering belpatra in Sawan gives virtue of crore kanyadan shivji par kya chadaye shivji ko prakritik cheejen kyon chadhate hain shivji ka prakriti se sambandh katha | Patrika News
धर्म-कर्म

भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं प्राकृतिक चीजें, सावन में इन वस्तुओं का श्रृंगार और अर्पण देता है एक करोड़ कन्यादान का पुण्यफल

natural things to Lord Shiva: सावन सोमवार से भगवान शिव का प्रिय महीना शुरू हो गया है। इस दौरान भक्त भगवान को कई प्राकृतिक चीजें चढ़ाते हैं और प्राकृतिक चीजों से भोलेनाथ का शिवालयों में श्रृंगार करते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि महादेव को प्राकृतिक चीजें ही क्यों चढ़ाते हैं और इसकी कथा क्या है (belpatra in Sawan) ।

भोपालJul 22, 2024 / 05:13 pm

Pravin Pandey

natural things to Lord Shiva

भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं प्राकृतिक चीजें, सावन में इन वस्तुओं का श्रृंगार और अर्पण देता है एक करोड़ कन्यादान का पुण्यफल

natural things to Lord Shiva: भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष फलदायी माने जाने वाले सावन माह की सोमवार से शुरुआता हो गई है। 72 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि सावन माह की शुरुआत सोमवार से होगी और समापन भी सोमवार को होगा। खास बात यह है कि सावन में पांच सोमवार का संयोग भी रहेगा। इससे इस महीने प्राकृतिक वस्तुओं से पूजा अर्चना से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद मिलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान शिव को क्यों प्राकृतिक चीजें चढ़ाते हैं।

इसका जवाब कई पंडित और विद्वान देते हैं। पंडितों का कहना है कि भगवान भोलेनाथ प्रकृति के देवता है, इसलिए भगवान का श्रृंगार प्राकृतिक वस्तुओं से होता है। सावन में बेल पत्र, धतुरा, फूल आदि अर्पित करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूरे सावन माह में श्रद्धा भक्ति का नजारा दिखाई देगा। इस दौरान अनेक आयोजन होंगे। पहले सावन सोमवार पर भी शिवालयों में पूजा के साथ विशेष शृंगार किया जाएगा।

भगवान भोलेनाथ को यह अर्पित करें

बेल पत्र, धतूरा, दूध-दही, शहद, मदार, गंगाजल, फल-फूल, भांग, शमीपत्र और भस्म आदि।

ये भी पढ़ेंः

Dak Bam: सोमवार से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा, जानें क्या होता है डाक बम और कितने तरह की होती है कांवड़ यात्रा

बेलपत्र में किसका वास

मान्यता है कि बेलपत्र की पेड़ की जड़ में गिरिजा, तनों में माहेश्वरी, शाखाओं में दक्षिणायनी और पत्तियों में मां पार्वती के रूप का वास होता है। माता पार्वती का प्रतिबिंब होने की वजह से बेलपत्र को भगवान शिव पर चढ़ाते हैं।

बेलपत्र से शिव का मस्तिष्क शीतल

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। बेलपत्र और जल से भगवान शिव का मस्तिष्क शीतल रहता है।
belpatra in sawan

शिवलिंग पर क्यों अर्पित करते हैं बेलपत्र

बेलपत्र का आध्यात्मिक, प्राकृतिक वैज्ञानिक महत्व है। बेलपत्र विटामिन से भरपूर होता है और इससे ब्रह्मांड का निर्माण हुआ है। पं. विष्णु राजौरिया ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई। उससे बेल का पेड़ निकल आया। इसलिए इस पेड़ पर वे कई स्वरूपों में रहती हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन में हलाहल विष का पान भगवान शिव ने विश्वकल्याण के लिए किया है। विष के प्रभाव कम करने के लिए देवी-देवताओं ने उन्हें बेलपत्र, जल अर्पित किया था।
ये भी पढ़ेंः

Sawan Shivratri: 43 मिनट है सावन शिवरात्रि में निशिता काल का समय , जानें कब है शिवरात्रि, व्रत विधि और क्या है व्रत पारण समय

बेलपत्र का औषधीय महत्व

इसके अलावा बेलपत्र के पेड़ की छाल, जड़, फल और पत्ते विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयुक्त होते हैं। बेलपत्र से मसूड़ों से खून आना, अस्थमा, पीलिया, पेचिश, एनीमिया आदि रोगों का उपचार होता है। बेल के फल में विटामिन ए, सी, बी1, बी6, बी12, कैल्शियम, पोटैशियम, राइबोलेविन और फाइबर मिलता है। इसमें एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं।

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Dharma Karma / भगवान शिव को क्यों चढ़ाते हैं प्राकृतिक चीजें, सावन में इन वस्तुओं का श्रृंगार और अर्पण देता है एक करोड़ कन्यादान का पुण्यफल

ट्रेंडिंग वीडियो