चमत्कारी गदा की प्राप्ति (Getting the Miraculous Mace)
महायोद्धा भीम को चमत्कारी गदा हनुमान जी ने प्रदान की थी। धार्मिक कथा के अनुसार जब पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान जंगल में भटक रहे थे। उस दौरान भीम ने एक विशाल वानर को अपनी राह में पड़ा देखा। यह वानर कोई और नहीं बल्कि स्वयं हनुमान जी थे। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी भीम की परीक्षा लेना चाहते थे। जब भीम ने उनसे रास्ते से हटने को कहा तो हनुमान जी ने भीम से अपनी पूंछ हटाने के लिए कहा। भीम ने पूरी ताकत लगाई लेकिन पूंछ को हिला भी नहीं सके।
हनुमान जी ने प्रदान की भीम को गदा (Hanuman ji gave mace to Bhima)
जब भीम को यह आभास हुआ कि यह कोई साधारण वानर नहीं है। तो उन्होंन हार मानकर हनुमान जी को पहचान कर क्षमा मांगी। जिसके बाद हनुमान जी ने प्रसन्न होकर भीम को गदा प्रदान की साथ ही गदा युद्ध कला में पारंगत होने का आशीर्वाद दिया। यह गदा इतनी चमत्कारी और शक्तिशाली थी कि कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान भीम ने इसी गदा से दुर्योधन की जंघा को तोड़कर उसे पराजित किया।
गदा का महत्व (importance of mace)
महाबलशाली भीम की गदा शक्ति, साहस और युद्ध कौशल का प्रतीक मानी जाती है। यह गदा केवल एक हथियार मात्र नहीं थी।इस गदा ने महाभारत के युद्ध में भीम को अमोघ शक्ति प्रदान की। उनके बल और विजय का आधार बनी। इस गदा के कारण भीम ने न केवल कौरवों को परास्त किया, बल्कि धर्म और न्याय की स्थापना में भी योगदान दिया।