धर्म-कर्म

Vasant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर क्यों की जाती है मां सरस्वती की पूजा, जानिए आधुनिक युग में इसका महत्व

Vasant Panchami 2025: वसंत पंचमी का पर्व हमें ज्ञान, संगीत, और कला के प्रति प्रेरित करता है। साथ ही यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सृजनात्मकता का संचार करता है।

जयपुरJan 20, 2025 / 02:06 pm

Sachin Kumar

Vasant Panchami 2025

Vasant Panchami 2025: इस साल वसंत पंचमी का पर्व देशभर 2 फरवरी 2025 दिन रविवार को मनाया जाएगा। वसंत पंचमी को श्रीपंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। यह सनातनियों का प्रमुख पर्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का पर्व माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन मां सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है?
Vasant Panchami 2025: वसंत पंचमी का पर्व शीत ऋतु की बिदाई और वसंत ऋतु के आगमान का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही इस पर्व से मां सरस्वती का भी गहरा जुड़ाव है। इस दिन ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। यही कारण है कि सरस्वती पूजा का आयोजन इस दिन मुख्य आकर्षण होता है।
Vasant Panchami 2025: कब है वसंत पंचमी, जानिए महाकुंभ में इस तिथि को शाही स्नान का महत्व

Vasant Panchami 2025: सरस्वती पूजा का महत्व (Importance Of Saraswati Puja)

वीणा वादिनी माता सरस्वती को विद्या, संगीत और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस दिन देवी की पूजा करने का उद्देश्य मानव जीवन में ज्ञान का प्रकाश और विवेक का संचार करना है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया, तो उन्होंने ध्वनि और वाणी का सृजन करने के लिए सरस्वती को उत्पन्न किया। इसलिए सरस्वती को वाणी की देवी भी कहा जाता है।

Vasant Panchami 2025: बसंत पंचमी विद्यारंभ के लिए शुभ (Basant Panchami Auspicious For Starting Studies)

यह दिन विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है। इसके साथ ही यह दिन संगीत, कला और साहित्य से जुड़े लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। देवी सरस्वती की पूजा से एकाग्रता, रचनात्मकता और ज्ञान में वृद्धि होती है।

Vasant Panchami 2025: इस विधि से करें देवी सरस्वती की पूजा (Worship Goddess Saraswati With This Method)

इस शुभ दिन पर मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले वस्त्रों और फूलों से सजाएं। पीला रंग वसंत ऋतु का प्रीतक माना जाता है। साथ ही इसे शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। पूजा में सरस्वती वंदना, धूप-दीप, और प्रसाद अर्पित किया जाता है। छात्र और विद्वान अपने पठन-पाठन सामग्री, जैसे पुस्तकों और वाद्ययंत्रों, को देवी के चरणों में अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Vasant Panchami 2025: बसंत पंचमी का प्रकृति से संबंध (Basant Panchami Relation With Nature)

वसंत पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि प्रकृति के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। यह ऋतु परिवर्तन का समय होता है, जब खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं और प्रकृति एक नई ऊर्जा के साथ सजती है। इसे धरती के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है।

Vasant Panchami 2025: आधुनिक युग में बसंत पचंमी का महत्व (Importance Of Basant Panchami In Modern Era)

तेजी से बदलते इस आधुनिक युग में वसंत पंचमी का महत्व और भी बढ़ जाता है। क्योंकि यह शुभ दिन हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है। साथ ही शिक्षा, कला तथा विज्ञान के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन विद्या और ज्ञान की देवी की पूजा करना हमारी परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन स्थापित करता है।
यह भी पढ़ें

पितरों की आत्म शांति के लिए, मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Vasant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर क्यों की जाती है मां सरस्वती की पूजा, जानिए आधुनिक युग में इसका महत्व

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.