प्रदोष काल का समय
प्रदोष व्रत हर महीने की त्रियोदशी तिथि को रखा जाता है। यह तिथि महीने में दो बार पड़ती है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रदोष काल का शाम के समय सूर्यास्त होने से करीब 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद तक रहता है। इस समय को बहुत मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला माना जाता है।सोमवार के दिन इन मंत्रों का जाप, भगवान शिव की पूजा को करता है पूर्ण
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष काल के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर रजत भवन में नृत्य करते हैं। वहीं सभी देवता उनके गुणों की प्रशंसा करते हैं। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन जो भक्त महादेव की उपासना करते हैं। उनसे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।सोम प्रदोष व्रत डेट और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि 27 जनवरी दिन सोमवार को मनाया जाएगा। हालांकि प्रदोष काल की शुरुआत 26 जनवरी दिन रविवार को शाम के 08 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं अगले दिन 27 जनवरी सोमवार को शाम 08 बजकर 34 मिनट पर संपन्न होगा। इसलिए 27 जनवरी 2025 को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित करें।
शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
संध्या के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की विधिवत पूजा करें।
पूजा के बाद शिव आरती करें और प्रसाद वितरण करें।