scriptMaa Chandraghanta Ke Upay: नशा या कोई अवगुण नहीं छूट रहा तो आजमाएं ये उपाय, नवरात्रि में जपें ये मंत्र | Shardiya Navratri 2024 Ma Chandraghanta Ke Upay If not able to rid addiction try navratra 3rd day remedies chant mantra during Navratri devi puran puja vidhi | Patrika News
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Maa Chandraghanta Ke Upay: नशा या कोई अवगुण नहीं छूट रहा तो आजमाएं ये उपाय, नवरात्रि में जपें ये मंत्र

Ma Chandraghanta Ke Upay: मां दुर्गा पराशक्ति हैं और सभी शक्तियों में सर्वोच्च हैं। जीवन हो या अग्नि, सभी की ऊर्जा माता दुर्गा ही हैं। ऐसे में इनकी पूजा अर्चना से असंभव भी संभव हो जाता है। यदि नशा या कोई अवगुण नहीं छूट रहा है तो मां के इन आसान उपायों से आपको सफलता मिल सकती है। आइये जानते हैं नवरात्रि के उपाय …

जयपुरOct 06, 2024 / 07:26 am

Pravin Pandey

Shardiya Navratri 2024

Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के तीसरे दिन के उपाय

Maa Chandraghanta Ke Upay: देवी पुराण में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें सौम्य स्वरूप वाली मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन होती है। मां के इस स्वरूप को सुगंधप्रिय है, इनका वाहन सिंह है और उनके दस हाथ हैं।

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हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। चार हाथ में कमल का फूल, धनुष, जपमाला और तीर सुशोभित हैं और पांचवां हाथ अभय देने की मुद्रा में होता है, जबकि चार अन्य हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार हैं और एक हाथ वरद मुद्रा में है। ग्रंथों में माता का यह रूप बेहद कल्याणकारी माना गया है।
मां चंद्रघंटा आसुरी शक्तियों से रक्षा करने वाली हैं और आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट कर उन्हें सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अलावा ये व्यक्ति को साहस प्रदान कर, उन्हें समस्त अवगुणों से दूर रखती हैं। इन माता की कृपा से भक्त नशा जैसी चीजों को आसानी से छोड़ देता है।
इनकी पूजा के लिए ऊँ ऐं श्रीं शक्तयै नमः मंत्र जपना चाहिए। इसके अलावा भक्त देवी मां के महामंत्र या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः का जाप कर भी माता की कृपा पा सकते हैं। देवी चन्द्रघंटा को प्रसाद स्वरूप खीर अर्पित करनी चाहिए।

मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के अन्य उपाय (Shardiya Navratri 2024 day 3 remedies)

1. मां चंद्रघंटा की पूजा में भूरे या ग्रे रंग की भेंट मां को अर्पित करना चाहिए, इस रंग का कपड़ा भी भक्त पहन सकते हैं। साथ ही सुनहले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करने से भी मां की कृपा पाई जा सकती है।
2. देवी माता के इस स्वरूप को दूध, मिठाई, शहद और खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन कन्याओं को भी खीर, हलुआ और मिठाई खिलानी चाहिए। इससे माता चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त होती है और हर बाधा दूर होती है।
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मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार देवी मां के इस स्वरूप की पूजा मुख्य रूप से दो मंत्रों से की जाती है। माना जाता है कि भक्तों को इनकी पूजा करते समय इनके मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करना चाहिए। इसके लिए नीचे लिखी विधि अपनाएं..
मंत्र: 1- पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मंत्र: 2- या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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अब इस विधि से करें पूजा

1. नवरात्रि के तीसरे दिन माता की चौकी पर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

2. गंगा जल या गोमूत्र से पूजा स्थल को शुद्ध करने के बाद चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें और फिर पूजन का संकल्प लें।
3. फिर वैदिक और दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से मां चंद्रघंटा सहित सभी स्थापित देवी-देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसके तहत आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य,धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि, खीर अर्पित करें।
4. पूजा के समय भूरे या ग्रे रंग की कोई वस्तु मां को अर्पित करें और इसी रंग के कपड़े पहनें, मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है इसलिए सुनहले रंग का कपड़ा पहनना भी शुभ माना जाता है।
5. साथ ही भोग में मां को दूध की मिठाई और खीर आदि अर्पित करें, माता चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए शहद भी अर्पित करना चाहिए।

6. पूजा के दौरान ऊपर लिखे मंत्रों का जप करते रहें।
7. अब प्रसाद बांटें और पूजन संपन्न करें। कन्याओं को खीर, हलवा और मिठाई खिलाएं, इससे माता प्रसन्न होती हैं और दुख हरती हैं।

8. साथ ही मन ही मन में माता से प्रार्थना करें कि हे मां! आप की कृपा हम पर सदैव बनी रहे और हमारे दुःखों का नाश हो।

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