धर्म-कर्म

Sawan 2024: सावन में बन रहा दुर्लभ योगों का संयोग, इनमें शिव पूजा से हर कार्य में सफलता का मिलेगा आशीर्वाद

Sawan 2024: सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है, धर्म आध्यात्म और दान के लिए यह विशेष होता है। इस महीने में थोड़ी सी भी शिव आराधना भक्त को भगवान का कृपा पात्र बना देती है। खास यह है कि सावन 2024 में अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि, रवि पुष्य का खास योग बन रहा है, ग्रहों की चाल ठीक ठाक वर्षा कर शुभता का संदेश दे रही है। लेकिन भगवान की कृपा पाने के लिए क्या करें उपाय (Sawan 2024 Upay) ..

भोपालJul 28, 2024 / 11:19 am

Pravin Pandey

Sawan 2024: सावन में बन रहा दुर्लभ योगों का संयोग, इनमें शिव पूजा से हर कार्य में सफलता का मिलेगा आशीर्वाद

Sawan 2024 Upay: सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना। इसमें उनकी भक्ति का सर्वाधिक फल मिलता है। इसी कारण सावन में शिव भक्त भोले की भक्ति में रमे रहते हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती हैं। इधर सावन 2024 में इस बार खास योग बन रहे हैं। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योग संयोग का विशेष महत्व बताया जाता है। इस बार श्रावण मास में पांच सर्वार्थ सिद्धि योग, एक अमृत सिद्धि और रवि पुष्य का विशेष संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इन योगों में भगवान शिव की विशेष आराधना कार्य सिद्धि के साथ-साथ मनोवांछित फल प्रदान करती है। यही नहीं, इन योगों के दौरान विशेष कार्य भी साधे जा सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार श्रावण मास में ग्रहों के नक्षत्र परिवर्तन होंगे। मंगल ग्रह का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश, गुरु रोहिणी नक्षत्र में, शुक्र मघा नक्षत्र में, सूर्य अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 16 जुलाई को सूर्य मघा नक्षत्र में और शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के पहले चरण में प्रवेश कर चुके हैं। यह परिवर्तन वर्षा ऋतु के मान से अनुकूल रहने वाला है। वर्षा काल की गणना ऋतु चक्र की मान्यता से इसी माह में विशेष आकार लेगी। संपूर्ण विश्व में इस माह के दौरान अलग-अलग प्रकार से वर्षा की दृष्टि का अनुपात संतुलित अवस्था में कहीं-कहीं दिखाई देगा व कहीं-कहीं असंतुलन की स्थिति में रहेगा। कुल मिलाकर इस माह वर्षा की स्थिति ठीक रहेगी।
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धर्म-अध्यात्म, दान के लिए खास है यह माह

पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना करने के बाद यथा श्रद्धा भक्ति, सत्संग, पारायण का भी लाभ लिया जा सकता है। मान्यता है कि पारायण करने के बाद या सत्संग के बाद में खड़े धान का दान करना चाहिए और पशु पक्षियों को चारा देना चाहिए। यह एक विशेष अनुक्रम रहता है, जिसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।

शिव आराधना से करें संकल्पों की सिद्धि

सावन में भगवान शिव की आराधना करने से मनोरथ सिद्ध होते हैं। पूरे मास शिव कथा, लीला, शिव महापुराण या शिव स्तोत्र के पाठ, शिव कवच, महामृत्युंजय की साधना करने से मन, बुद्धि, शरीर का रोग समाप्त होता है। उत्तम स्वास्थ्य, उत्तम दीर्घायु की प्राप्ति होती है। यही नहीं मास पर्यंत पंचोपचार या षोडशोपचार से भगवान शिव की पूजन की जाती है या शिवलिंग का नित्य अभिषेक किया जाता है, अगर पंचामृत का अभिषेक ना हो सके, तो जल से भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
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