कहां होगा भगवान का जन्म
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे। यह अवतार उत्तर प्रदेश के संभल (शम्भाला) जिले में होगा। इनके पिता प्रतिष्ठित ब्राह्मण और महान आत्मा विष्णु यश होंगे। इनके धर्म गुरु याग्वल्क्य होंगे, जबकि कलियुग में दसवें अवतार की प्रतीक्षा कर रहे भगवान विष्णु के छठें अवतार अजर अमर परशुराम भगवान कल्कि को युद्ध की तकनीक सिखाएंगे। साथ ही गुरु परशुराम कल्कि को घोर तपस्या का मार्ग दिखाएंगे, ताकि वो अपने अस्त्र शस्त्र पा सकें। ये भी पढ़ेंः संभल में कब होगा कल्कि अवतार, क्या रहेगा पिता का नाम, भविष्यवाणी में जानिए स्वरूप कैसा होगा भगवान का स्वरूप
मान्यता के अनुसार कल्कि अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा, इस समय गुरु और शनि उच्च राशि में एक साथ होंगे। भगवान को ग्रंथों में सफेद घोड़े पर सवार और हाथ में तलवार लिए दर्शाया गया है। इसके अनुसार भगवान कल्कि अपने तेज घोड़े देवदत्त पर सवार होंगे और हाथ में तलवार लेकर अपने आठ रहस्यमय ऐश्वर्य और भगवान के आठ विशेष गुणों का प्रदर्शन करते हुए पृथ्वी पर यात्रा करेंगे। वह अपनी अप्रतिम चमक प्रदर्शित करते हुए और तीव्र गति से सवारी करते हुए उन लाखों चोरों को मार डालेंगे जिन्होंने राजाओं की पोशाक पहनने का साहस किया है।
कल्कि का विवाह
कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि का विवाह सिंहल द्वीप (श्रीलंका) की एक राजकुमारी पद्मिनी से होगा, जो स्वयं माता लक्ष्मी का अवतार हैं। इसके अलावा इस पुराण में भगवान के एक और विवाह का उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि शशिध्वज नाम के व्यक्ति से भी भगवान का युद्ध होगा। हालांकि बाद में वह अपनी पुत्री रमा का विवाह भगवान से करेगा। (नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियों पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं, www.patrika.com इसका दावा नहीं करता। इसको अपनाने से पहले और विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)