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Hanumanji: हनुमानजी के 108 नाम, अर्थ और 108 मंत्र, पढ़ें हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली

Hanumanji: बजरंग बली कलियुग के अधिष्ठाता देवता माना जाता है। हनुमानजी के गुणों के आधार पर भक्त उनको कई नाम से याद करते हैं। हनुमानजी के नाम के अर्थ, मंत्र जानने के लिए पढ़ें हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली (Hanuman Ashtottara Shatnamavali)

Apr 21, 2024 / 03:57 pm

Pravin Pandey

हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली में जानें हनुमान जी के 108 नाम, मंत्र और अर्थ

भगवान हनुमान की अष्टोत्तर शतनामावली

  1. आञ्जनेय (देवी अञ्जना के पुत्र)
    मंत्रः ॐ आञ्जनेयाय नमः।
  2. महावीर (अति बलशाली और पराक्रमी)
    मंत्रः ॐ महावीराय नमः।
  3. हनूमत (फूले हुये गालों वाले)
    मंत्रः ॐ हनूमते नमः।
  4. मारुतात्मज (जो पवन देव को अति प्रिय हैं)
    मंत्रः ॐ मारुतात्मजाय नमः।
  5. तत्वज्ञानप्रद (तत्वज्ञान प्रदान करने वाले)
    मंत्रः ॐ तत्वज्ञानप्रदाय नमः।
  6. सीतादेविमुद्राप्रदायक (सीता माता को श्री राम जी की मुद्रिका प्रदान करने वाले)
    मंत्रः ॐ सीतादेविमुद्राप्रदायकाय नमः।
  7. अशोकवनकाच्छेत्रे (अशोक वन को नष्ट करने वाले)
    मंत्रः ॐ अशोकवनकाच्छेत्रे नमः।
  8. सर्वमायाविभंजन (माया एवं भ्रम को नष्ट करने वाले)
    मंत्रः ॐ सर्वमायाविभंजनाय नमः।
  9. सर्वबन्धविमोक्त्रे (समस्त प्रकार के बन्धनों से मुक्त करने वाले)
    मंत्रः ॐ सर्वबन्धविमोक्त्रे नमः।
  10. रक्षोविध्वंसकारक (राक्षसों का संहार करने वाले)
    मंत्रः ॐ रक्षोविध्वंसकारकाय नमः।
  11. परविद्या परिहार (शत्रुओं के ज्ञान को हरने वाले)
    ॐ परविद्या परिहाराय नमः।
  12. परशौर्य विनाशन( शत्रुओं के बल एवं शक्ति को हरने वाले)
    ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः।
  13. परमन्त्र निराकर्त्रे (केवल श्री राम मन्त्र का जाप करने वाले)
    ॐ परमन्त्र निराकर्त्रे नमः।
  14. परयन्त्र प्रभेदक (शत्रुओं की योजना को विफल करने वाले)
    ॐ परयन्त्र प्रभेदकाय नमः।
  15. सर्वग्रह विनाशी (समस्त ग्रहों के अशुभ प्रभाव को नष्ट करने वाले)
    ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः।
  16. भीमसेन सहायकृथे (भीम की सहायता करने वाले)
    ॐ भीमसेन सहायकृथे नमः।
  17. सर्वदुखः हरा (समस्त कष्टों का निवारण करने वाले)
    ॐ सर्वदुखः हराय नमः।
  18. सर्वलोकचारिणे(समस्त लोकों में विचरण करने वाले)
    ॐ सर्वलोकचारिणे नमः।
  19. मनोजवाय (वायु के समान तीव्र गति वाले)
    ॐ मनोजवाय नमः।
  20. पारिजात द्रुमूलस्थ (पारिजात के वृक्ष के नीचे निवास करने वाले)
    ॐ पारिजात द्रुमूलस्थाय नमः।
  21. सर्वमन्त्र स्वरूपवते (समस्त मन्त्रों/स्तोत्रों के ज्ञाता एवं स्वामी)
    ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपवते नमः।
  22. सर्वतन्त्र स्वरूपिणे (जो समस्त प्रकार के तन्त्रों के अधिपति हैं।)
    ॐ सर्वतन्त्र स्वरूपिणे नमः।
  23. सर्वयन्त्रात्मक (जो समस्त प्रकार के यन्त्रों में विद्यमान हैं।)
    ॐ सर्वयन्त्रात्मकाय नमः।
  24. कपीश्वर (वानरों के अधिपति)
    ॐ कपीश्वराय नमः।
  25. महाकाय (अत्यन्त विशाल देह वाले)
    ॐ महाकायाय नमः।
  26. सर्वरोगहरा (समस्त रोगों से मुक्त करने वाले)
    ॐ सर्वरोगहराय नमः।
  27. प्रभवे (सम्पूर्ण सृष्टि में पूजे जाने वाले / जो देवों में अति लोकप्रिय हैं।)
    ॐ प्रभवे नमः।
  28. बल सिद्धिकर (बल प्रदान करने वाले)
    ॐ बल सिद्धिकराय नमः।
  29. सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक (नाना प्रकार की विद्या एवं सम्पत्ति प्रदान करने वाले)
    ॐ सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायकाय नमः।
  30. कपिसेनानायक (वानर सेना के प्रमुख)
    ॐ कपिसेनानायकाय नमः।
  31. भविष्यथ्चतुराननाय (भविष की घटनाओं को जानने वाले, भविष्यज्ञाता)
    ॐ भविष्यथ्चतुराननाय नमः।
  32. कुमार ब्रह्मचारी (जो युवा एवं ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले हैं।)
    ॐ कुमार ब्रह्मचारिणे नमः।
  33. रत्नकुण्डल दीप्तिमते (रत्न जड़ित स्वर्ण कुण्डल धारण करने वाले)
    ॐ रत्नकुण्डल दीप्तिमते नमः।
  34. चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला (जिनकी लम्बी पूँछ उनके सिर से भी ऊँची है।)
    ॐ चञ्चलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वलाय नमः।
  35. गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ (जो गन्धर्व विद्या (संगीत) में पारंगत हैं।)
    ॐ गन्धर्व विद्यातत्वज्ञाय नमः।
  36. महाबल पराक्रम (जिनमें अद्वितीय बल एवं साहस है।)
    ॐ महाबल पराक्रमाय नमः।
  37. काराग्रह विमोक्त्रे (काराग्रह से मुक्त करने वाले)
    ॐ काराग्रह विमोक्त्रे नमः।
  38. श्रृंखला बन्धमोचक (बेड़ियों अथवा कष्ट से मुक्त करने वाले)
    ॐ श्रृंखला बन्धमोचकाय नमः।
  39. सागरोत्तारक (समुद्र को लाँघने वाले)
    ॐ सागरोत्तारकाय नमः।
  40. प्राज्ञाय(जो विद्वान हैं।)
    ॐ प्राज्ञाय नमः।
  41. रामदूत (भगवान श्री राम के दूत)
    ॐ रामदूताय नमः।
  42. प्रतापवते (जो वीर एवं पराक्रमी हैं।)
    ॐ प्रतापवते नमः।
  43. वानर (जो वानर रूप में स्थित हैं।)
    ॐ वानराय नमः।
  44. केसरीसुत (जो वानर राज केसरी के पुत्र हैं।)
    ॐ केसरीसुताय नमः।
  45. सीताशोक निवारक (माता सीता के कष्ट का निवारण करने वाले)
    ॐ सीताशोक निवारकाय नमः।
  46. अन्जनागर्भसम्भूता (माता अञ्जनी के गर्भ से जन्म लेने वाले)
    ॐ अन्जनागर्भ सम्भूताय नमः।
  47. बालार्कसद्रशानन (जिनकी आभा उदीयमान सूर्य के समान है।)
    ॐ बालार्कसद्रशाननाय नमः।
  48. विभीषण प्रियकर (जो विभीषण के प्रिय हैं।)
    ॐ विभीषण प्रियकराय नमः।
  49. दशग्रीव कुलान्तक (रावण के कुल का अन्त करने वाले)
    ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः।
  50. लक्ष्मणप्राणदात्रे (लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा करने वाले)
    ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
  51. वज्रकाय (जिनका शरीर वज्र के समान कठोर एवं शक्तिशाली है।)
    ॐ वज्रकायाय नमः।
  52. महाद्युत (जिनमें से दिव्य तेज प्रकाशित होता है।)
    ॐ महाद्युथये नमः।
  53. चिरञ्जीविने (प्रत्येक युग में अजर-अमर रहने वाले)
    ॐ चिरञ्जीविने नमः।
  54. रामभक्त (जो भगवान श्री राम के परम भक्त हैं।)
    ॐ रामभक्ताय नमः।
  55. दैत्यकार्य विघातक (दैत्यों के समस्त कार्य निष्फल करने वाले)
    ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः।
  56. अक्षहन्त्रे (रावण के पुत्र अक्षय का अन्त करने वाले)
    ॐ अक्षहन्त्रे नमः।
  57. काञ्चनाभ (जिनकी काया कञ्चन (स्वर्ण) के समान आभा वाली है।)
    ॐ काञ्चनाभाय नमः।
  58. पञ्चवक्त्र (जिनके पाँच मुख हैं, पञ्चमुखी हनुमान)
    ॐ पञ्चवक्त्राय नमः।
  59. महातपसी (जो कठिन तपस्या करने वाले हैं।)
    ॐ महातपसे नमः।
  60. लन्किनी भञ्जन (लन्किनी नामक राक्षसी का उद्धार करने वाले)
    ॐ लन्किनी भञ्जनाय नमः।
  61. श्रीमते (जो सम्पूर्ण सृष्टि में आदरणीय एवं पूजनीय हैं।)
    ॐ श्रीमते नमः।
  62. सिंहिकाप्राण भञ्जन (सिंहिका राक्षसी का अन्त करने वाले)
    ॐ सिंहिकाप्राण भञ्जनाय नमः।
  63. गन्धमादन शैलस्थ (गन्धमादन पर्वत पर निवास करने वाले)
    ॐ गन्धमादन शैलस्थाय नमः।
  64. लङ्कापुर विदायक (लङ्का दहन करने वाले)
    ॐ लङ्कापुर विदायकाय नमः।
  65. सुग्रीव सचिव (जो सुग्रीव के मन्त्री हैं।)
    ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः।
  66. धीर (जो अत्यन्त वीर एवं साहसी हैं।)
    ॐ धीराय नमः।
  67. शूर (जो निर्भीक एवं निडर हैं।)
    ॐ शूराय नमः।
  68. दैत्यकुलान्तक (दैत्यों का अन्त करने वाले)
    ॐ दैत्यकुलान्तकाय नमः।
  69. सुरार्चित (देवताओं द्वारा पूजे जाने वाले)
    ॐ सुरार्चिताय नमः।
  70. महातेजस (जिनमें असीमित तेज है।)
    ॐ महातेजसे नमः।
  71. रामचूडामणिप्रदायक (भगवान श्री राम को सीता माता की चूड़मणि प्रदान करने वाले)
    ॐ रामचूडामणिप्रदायकाय नमः।
  72. कामरूपिणे (इच्छानुसार कोई भी रूप धारण करने वाले)
    ॐ कामरूपिणे नमः।
  73. पिङ्गलाक्ष (लाल एवं भूरे नेत्रों वाले)
    ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः।
  74. वार्धिमैनाक पूजित (समुद्र एवं मैनाक पर्वत द्वारा पूजे जाने वाले)
    ॐ वार्धिमैनाक पूजिताय नमः।
  75. कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय (सूर्य को निगलने वाले)
    ॐ कबळीकृत मार्ताण्डमण्डलाय नमः।
  76. विजितेन्द्रिय (समस्त इन्द्रियों को वश में करने वाले)
    ॐ विजितेन्द्रियाय नमः।
  77. रामसुग्रीव सन्धात्रे (भगवान श्री राम एवं सुग्रीव में मित्रता करवाने वाले)
    ॐ रामसुग्रीव सन्धात्रे नमः।
  78. महिरावणमर्दन (महिरावण का संहार करने वाले)
    ॐ महिरावणमर्दनाय नमः।
  79. स्फटिकाभा (स्फटिक मणि के समान आभा वाले)
    ॐ स्फटिकाभाय नमः।
  80. वागधीश (जो वाणी के स्वामी हैं।)
    ॐ वागधीशाय नमः।
  81. नवव्याकृतपण्डित (जो कुशल विद्वान हैं।)
    ॐ नवव्याकृतपण्डिताय नमः।
  82. चतुर्बाहवे (चार भुजाओं वाले, चतुर्भुजधारी)
    ॐ चतुर्बाहवे नमः।
  83. दीनबन्धुरा (जो दीन-हीनों के मित्र हैं।)
    ॐ दीनबन्धुराय नमः।
  84. महात्मा (जो समस्त आत्माओं में श्रेष्ठ हैं।)
    ॐ मायात्मने नमः।
  85. भक्तवत्सल (भक्तों पर करुणा करने वाले)
    ॐ भक्तवत्सलाय नमः।
  86. सञ्जीवन नगाहर्त्रे (सञ्जीवनी पर्वत लाने वाले)
    ॐ संजीवननगायार्था नमः।
  87. सुचये (जो परम पवित्र हैं।)
    ॐ सुचये नमः।
  88. वाग्मिने (जो एक कुशल वक्ता हैं)
    ॐ वाग्मिने नमः।
  89. दृढ़व्रता (अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने वाले)
    ॐ दृढ़व्रताय नमः।
  90. कालनेमि प्रमथन (कालनेमि दैत्य का अन्त करने वाले)
    ॐ कालनेमि प्रमथनाय नमः।
  91. हरिमर्कट मर्कटा (वानरों के स्वामी)
    ॐ हरिमर्कट मर्कटाय नमः।
  92. दान्त (दान देने वाले)
    ॐ दान्ताय नमः।
  93. शान्त (शान्त प्रकृति वाले)
    ॐ शान्ताय नमः।
  94. प्रसन्नात्मने (प्रसन्नचित्त रहने वाले)
    ॐ प्रसन्नात्मने नमः।
  95. शतकण्ठमदापहृत् (शतकण्ठ के अभिमान को नष्ट करने वाले)
    ॐ शतकण्ठमदापहृते नमः।
  96. योगी (जो योगी हैं)
    ॐ योगिने नमः।
  97. रामकथा लोलाय (रामकथा सुनने को उत्सुक रहने वाले)
    ॐ रामकथा लोलाय नमः।
  98. सीतान्वेषण पण्डित (माता सीता को ज्ञानपूर्वक खोजने वाले)
    ॐ सीतान्वेषण पण्डिताय नमः।
  99. वज्रद्रनुष्ट (वज्र के समान कठोर)
    ॐ वज्रद्रनुष्टाय नमः।
  100. वज्रनखा (वज्र के समान सुदृढ़ नख (नाखून) वाले)
    ॐ वज्रनखाय नमः।
  101. रुद्रवीर्य समुद्भवा (शिव से उत्पन्न होने वाले / जो शिव के अवतार हैं)
    ॐ रुद्र वीर्य समुद्भवाय नमः।
  102. इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक (इन्द्रजीत के ब्रह्मास्त्र का निवारण करने वाले)
    ॐ इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः।
  103. पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने (जो अर्जुन के रथ की ध्वजा में निवास करते हैं)
    ॐ पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने नमः।
  104. शरपञ्जर भेदक (शत्रुओं के काराग्रह को भेदने वाले)
    ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः।
  105. दशबाहवे (दस भुजाओं वाले, दसभुजाधारी)
    ॐ दशबाहवे नमः।
  106. लोकपूज्य (समस्त लोकों में पूजे जाने वाले)
    ॐ लोकपूज्याय नमः।
  107. जाम्बवत्प्रीतिवर्धन (जाम्बवन्त जी से प्रीति एवं घनिष्ठता बढ़ाने वाले)
    ॐ जाम्बवत्प्रीतिवर्धनाय नमः।
  108. सीताराम पादसेवा (श्री सीताराम जी के चरण कमलों की सेवा करने वाले)
    ॐ सीतासमेत श्रीरामपाद सेवदुरन्धराय नमः।
॥ इति श्रीहनुमानष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥

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