तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि के दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के कोप से व्रजवासियों को बचाकर गोवर्धन पूजा उत्सव की शुरुआत कराई थी। इस दिन गाय, गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। साथ ही गेहूं, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को पकाया जाता है और भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।
शास्त्रों में गाय को धन सुख समृद्धि प्रदान करने वाली लक्ष्मी देवी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए गाय के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की पूजा की जाती है। इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा का भी विधान है।
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभः 13 नवंबर 2023 को दोपहर 02:56 बजे
प्रतिपदा तिथि समापनः 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02:36 बजे तक
इसलिए गोवर्धन पूजा/अन्नकूट पूजाः मंगलवार 14 नवंबर 2023
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्तः सुबह 06:33 बजे से 08:46 बजे
गोवर्धन पूजा शाम का मुहूर्तः शाम को 5.28 बजे से 5.55 बजे तक
द्यूत क्रीड़ाः 14 नवंबर मंगलवार 2023