श्रीगणेश तांत्रिक मंत्र की साधना विधि
गणेश उत्सव के दौरान किसी भी एकान्त स्थान में या गणेश मंदिर में, जहां आम लोगों का आना जाना ना हो या तो बिलकुल ही कम हो, ऐसे पवित्र स्थान में कुशा या कंबल के आसन पर बैठकर भगवान् श्री गणेश जी का षोडशोपचार विधि से पूजन करें। पूजा में गाय के घी के 11 दीपक जलाकर अपनी बैठक से एक फुट की ऊंचाई पर रखें। 10 दिनों तक रोज सिन्दूर और लड्डू के प्रसाद का भोग लगाएं, और प्रतिदिन 5 माला जप मोती या स्फटीक की माला से नीचे दिये मन्त्र का जप करें।
ॐ गणपति यहाँ पठाऊ तहां जावो
दस कोस आगे जा
ढाई कोस पीछे जा
दस कोस सज्जे दस कोस खब्बे
मैया गुफ्फा की आज्ञा मन रिद्धि सिद्धि देवी आन
अगर सगर जो न आवे तो माता पारवती की लाज
ॐ क्राम फट स्वाहा।।
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श्रीगणेश तांत्रिक मंत्र जप विधि
इस गणेश तांत्रिक मंत्र के जप से पूर्व अपने गुरु का पूजन, श्रीगणेश जी का पंचोपचार विधि या षोडशोपचार विधान से पूजन करें। पूजा में गणेश जी की मिट्टी की मूर्ती के दोनों तरफ एक एक गोमती चक्र अवश्य रखें। श्रीगणेश जी के साथ देवी रिद्धि और सिद्धि का भी पूजन करें। ध्यान रखें पूजा में केवल गणेश की अस्थाई स्थापना केवल मिट्टी या सुपारी से बने गणेश की ही करें, अगर मिट्टी के अलावा किसी अन्य धातु से बने गणेशजी का पूजन करेंगे तो उसका लाभ कुछ भी नहीं मिलेगा।
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