वहीं वैदिक ज्योतिष में भी सप्ताह का हर दिन का एक निश्चित ग्रह के आधार पर माना गया है, और उस ग्रह के देव ही उस दिन के कारक देव माने जाते हैं। यूं तो आपने हर दिन के संबंध में कि किस दिन क्या नहीं करना चाहिए के बारे में सुन ही रखा होगा।
लेकिन आज हम आपको देवों के गुरु यानि देवगुरु बृहस्पति के सप्ताह के दिन यानि बृहस्पतिवार को क्या करना चाहिए इस संबंध में जो मान्यताएं हैं उनके बारे में बता रहे हैं।
देवताओं के गुरु हैं बृहस्पति…
बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है, इसीलिए इस दिन को गुरुवार भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति यानि गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। वहीं इन्हें नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वहीं कर्क राशि में यह उच्च के और मकर राशि में नीच के माने गए हैं।
जाग जाता है सोया भाग्य :
ज्योतिष के जानकार पंडित एसके शुक्ला का कहना है कि मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन पूजा करने से व्यक्ति का सोया भाग्य तक जाग जाता है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति कमजोर अवस्था में हों या फिर शुक्र, बुध या राहु के साथ हों या किसी भी स्थिति में नीच अवस्था के हों तो ऐसे जातक को गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से ऐसे जातकों का भाग्य तुरंत जागृत हो जाता है।
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इसके अलावा माना जाता है कि बृहस्पतिवार को व्रत करने से विवाह में कोई समस्या न आने के अतिरिक्त वैवाहिक जीवन का सुख भी मिलता है। ध्यान रहे गुरु जातक को लंबी आयु भी प्रदान करते हैं। इसके साथ ही कमजोर मानसिकता वाले व्यक्तियों को बृहस्पतिवार का उपवास अवश्य करना चाहिए।
बृहस्पतिवार यानि गुरुवार को अवश्य करें ये कार्य :
: गुरुवार को पापों का प्रायश्चित करने से पाप का नाश होता हैं, क्योंकि यह देवी-देवताओं के गुरु बृहस्पति का दिन होता है।
: सफेद चंदन, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगाएं।
: इस दिन घर में धूप दीप हर ओर दिखाना चाहिए, खासकर गुग्गुल की धूप दिखाना चाहिए।
: इस दिन उत्तर, पूर्व, ईशान दिशा में यात्रा करना शुभ माना जाता है।
: यदि आपका गुरु अशुभ या कमजोर है तो आप पीपल में जल चढ़ाएं। गुरुवार के दिन पीली वस्तु का सेवन करें।
: धार्मिक, मांगलिक, प्रशासनिक, शिक्षण और पुत्र के रचनात्मक कार्यों के लिए यह दिन शुभ माना गया है।
गुरुवार का ये उपाय, दिलाएगा हर समस्या से छुटकारा…
वहीं देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें, इसके बाद “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” का जप करते हुए केसर का तिलक लगाएं और केले के वृक्ष में जल अर्पित करते हुए उसकी धूप- दीप से पूजा करें।
वहीं स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करें। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि यदि आपकी कुंडली में गुरु का दोष है, तो हर गुरुवार को शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। इससे आपको काफी लाभ होगा।
: यदि आपने गुरुवार को व्रत रखा है तो इस दिन केले के वृक्ष की पूजा करके सत्यनारायण की कथा अवश्य सुनें।
: इस दिन गुरु से जुड़ी पीली वस्तुओं का दान करें, जैसे कि चने की दाल, सोना, हल्दी, आम आदि।
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इस दिन ब्रहस्पतिदेव की मूर्ति या तस्वीर को पीलें रंग के कपड़े पर विराजित करें। साथ ही विधि-विधान से उनकी पूजा करें। पूजा में केसरिया चंदन, पीले फूल और प्रसाद में गुड और चनें की दाल अवश्य चढ़ाएं या इस रंग का कोई पकवान चढ़ाएं।जानकारों के अनुसार देवगुरु बृहस्पति के कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जो ना सिर्फ धन और वैभव को लेकर अत्यंत चमत्कारी हैं, बल्कि तुरंत असर करने वाले भी हैं। ऐसे में इन्हें केवल एक साथ निरंतर जपने की जरूरत होती है।
जानकारों के अनुसार इन चमत्कारी पांचों मंत्रों का 19 हजार बार जाप करना होता है। ऐसे में किसी भी एक गुरु मंत्र का गुरुवार के दिन जाप कर सकते हैं …
गुरुवार के दिन ये कार्य ना करें :
: इस दिन शेविंग न बनाएं और शरीर का कोई भी बाल न काटें अन्यथा माना जाता है कि ऐसा करने से संतान सुख में बाधा उत्पन्न होगी।
: इस दिन दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है।
: गुरुवार को नमक नहीं खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हर कार्य में बाधा आती है।
: इस दिन दूध और केला खाने के अलावा कपड़े धोना और पौछा लगाना भी वर्जित माना जाता है।
: बृहस्पतिवार के दिन शरीर पर साबुन लगाना, बाल धोना आदि अशुभ माना जाता है। इसके पीछे कई ज्योतिषिय कारण भी बताए जाते हैं।
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