दरअसल हिन्दू पंचांग के हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की तिथियों को मिलाकर कुल 30 तिथि होती हैं। ऐसे में समझते हैं कि आखिर ज्योतिष मेें शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है, और बुधवार, 09 अगस्त को किस किस समय का खास ध्यान रखना है। इस संंबंध में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि ग्रहों और नक्षत्रों की चाल से हमारे हर कार्य पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे में जहां अनेक बार अत्यधिक परिश्रम के बादवजूद हमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हो पातेे हैं, वहीं कई बार कम प्रयासो के बावजूद हमें सकारात्मक परिणाम के फलस्वरूप विजय प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका कारण है – ग्रहों की स्थिति कि वे अनुकूल हैं या अनुकूल नहीं। इसी कारण ज्योतिष के अनुसार हर मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखने की बात कही जाती हैं।
वार- बुधवार 09 अगस्त 2023
तिथि- नवमी 04:11 AM, अगस्त 10 तक
नक्षत्र- कृत्तिका 02:29 AM, अगस्त 10 तक
पक्ष- कृष्ण पक्ष
माह- श्रावण ( अधिक )
सूर्योदय- 05:29 AM
सूर्यास्त- 06:38 PM
चंद्रोदय- 11:59 PM
चन्द्रास्त- 01:08 PM
– अमृत-जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त बहुत श्रेष्ठ होते हैं य ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पच्चीस नाडियां पूर्व, यानि लगभग दो घंटे पूर्व होता है। यह समय योग साधना और ध्यान लगाने के लिये सर्वोत्तम कहा गया है।
– इस मुहूर्त में कार्य करने से सफलता मिलती है गोधूलि मुहूर्त- 06:25 PM से 06:49 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त- 06:38 PM से 07:43 PM
निशिता मुहूर्त- 11:42 PM से 12:25 AM, अगस्त 10
ब्रह्म मुहूर्त- 04:02 AM से 04:45 AM
प्रातः संध्या- 04:24 AM से 05:29 AM
कालवेला / अर्द्धयाम- 06:21:06 से 07:13:45 तक
कुलिक- 11:37:02 से 12:29:41 तक
यमघण्ट- 08:06:24 से 08:59:04 तक
कंटक- 16:52:58 से 17:45:37 तक
यमगण्ड- 07:07:10 से 08:45:54 तक
राहुकाल- 12:03:21 से 13:42:05 तक
गुलिक काल- 10:24:38 से 12:03:21 तक
भद्रा- कोई नहीं है
गण्ड मूल- कोई नहीं है